हरियाणा में सत्तारूढ़ खट्टर सरकार किसान आंदोलन के मुद्दे पर चारों तरफ से गिर चुकी है। राज्य के किसानों और खाप पंचायतों द्वारा भाजपा-जजपा की गठबंधन वाली सरकार का जमकर विरोध किया जा रहा है।

हरियाणा के किसानों और आम जनता का ध्यान इस मुद्दे से हटाने के लिए अब भाजपा द्वारा एक नया दांव चला गया है।

खबर के मुताबिक, सतलुज यमुना लिंक नहर मुद्दे पर भाजपा नेताओं द्वारा उपवास रखने का ऐलान किया गया था। लेकिन बीते दिन भाजपा के इस प्लान पर किसान प्रदर्शनकारियों ने पानी फेर दिया।

इसके बाद एसवाईएल मुद्दे पर उपवास रखने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का एक कथित वीडियो सामने आया है। जिसमें यह नेता उपवास रखने से पहले खाना खाते हुए नजर आए थे।

यह वीडियो एक वेब चैनल के पत्रकार राजेंद्र स्नेही द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था। जो देखते ही देखते वायरल हो गया। अब इस मामले में पत्रकार के खिलाफ पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर लिया गया है।

कुरुक्षेत्र पुलिस ने बताया है कि थानेसर बाजार समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश सैनी की शिकायत के आधार पर पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दरअसल 10 महीने पहले पत्रकार राजिंदर स्नेही पर आरोप लगाया था कि उन्होंने सोशल मीडिया पर उनके बारे में फर्जी खबरें चलाई थी।

दूसरी तरफ वीडियो में उपवास के पहले ‘खाते’ हुए नजर आए कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी और थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने दावों से इनकार किया है।

भाजपा नेताओं का कहना है कि वह उपवास से पहले एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने सिर्फ प्रसाद खाया था। इसके अलावा उपवास से पहले कुछ भी खाने का सवाल ही नहीं उठता।

पत्रकार राजिंदर स्नेही के खिलाफ की गई इस कार्रवाई का अन्य पत्रकारों ने विरोध किया है। उन्होंने इसे भाजपा नेताओं के दबाब में उठाया गया कदम बताया है।

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