अपने बेबाक या यूं कह लें कि अपने बे-सिरपैर की बातों के लिए चर्चित बाॅलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर चर्चा में हैं।

इस बार कंगना ने पेगासस जासूसी कांड का समर्थन किया है।कंगना रनौत का मानना है कि विपक्षी दल के नेताओं और पत्रकारों की जासूसी कोई गलत बात नहीं है।

कंगना के अनुसार राजाओं के पास इस बात का विशेषाधिकार होता है कि अपनी प्रजा पर नजर रखे।

कंगना का ये बयान उस दौर में सामने आया है जब देश भर में पेगासस लीक कांड चर्चा में है। देश के कई बड़े नेताओं, पत्रकारों व अन्य वीआईपी की काॅल टैपिंग एवं जासूसी की खबरों से देश की सियासत में भूचाल आया हुआ है।

हालांकि कंगना रनौत ने साफ कर दिया है कि उन्होंने ये बात किसी और के समर्थन में कहा है। इसका पेगासस लीक कांड से कोई लेना देना नहीं है।

अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर इस नोट को शेयर करते हुए कंगना ने कैप्शन दिया है कि “प्राचीन काल में राजा, महाराजा भी अपनी प्रजा के घरों में गुप्त रुप से भ्रमण किया करते थें और इस बात का पता लगाया करते थें कि उनकी प्रजा किस हाल में जी रही है, उनकी प्रजा उनके बारे में क्या सोचती है और क्या चर्चा करती है ! ये एक तरह का अभ्यास है और प्रशासन का हिस्सा है.

कंगना ने रामायण के प्रसंग का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान राम को आम लोगों के बीच मां सीता की धारणा के बारे में तब पता चला जब उन्होंने ऐसे ही गुप्त रुप से प्रजा के बीच विचरण किया और उनकी बातों को सुना।

कंगना ने आगे लिखा है कि अगर कोई राजा असमाजिक तत्वों के ठिकाने या लोगों के साधारण मसलों और उनकी सोच के बारे में जानना चाहते हैं तो ये कोई बड़ी बात नहीं है।

ऐसा पहले भी होता रहा है। कंगना के अनुसार राजा का ये अधिकार, विशेषाधिकार और व्यवसाय है कि वो अपनी आंख और कान को खुला रखे और लकड़बग्घे की तरह रोना बंद कर दें।

इसके बाद कंगना ने हा हा हा करते हुए लिखा कि मैं पेगासस के बारे में बात नहीं कर रही हूं।

मालूम हो कि ट्विटर ने अपने उलूल जुलूल और बेसिरपैर की बातों पर एक्शन लेते हुए उनके अकाउंट को स्थायी रुप से बंद कर दिया था। कंगना पर ट्वीटर की नीतियों के उल्लंघन की बात साबित हुई, जिसके बाद कंगना इंस्टाग्राम पर सक्रिय हो गईं।

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