देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज लोकसभा सदन में 2021-22 का आम बजट पेश किया गया है। इस बजट में मोदी सरकार द्वारा सरकारी कंपनियों के निजीकरण को भी काफी बढ़ावा दिया गया है।

इस निजीकरण में सरकारी कंपनियों के साथ-साथ वित्तीय संस्थाओं का नाम भी शामिल है। जिनमें से एक इंश्योरेंस कंपनी और पब्लिक सेक्टर बैंक भी शामिल हैं।

वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किए गए इस बजट के बाद मोदी सरकार की दलों के निशाने पर आ चुकी है। विपक्षी दलों द्वारा मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए आम बजट को विजनलेस बताया गया है।

दरअसल इस बजट में देश के विकास और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के नाम पर सरकार सरकारी कंपनियों को पूंजी पतियों के हवाले करने का काम कर रही है।

इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा है कि “यह बजट चंद बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाला बजट है। यह बजट महंगाई के साथ-साथ आम जनमानस की समस्याएं बढ़ाने का काम करेगा।”

गौरतलब है कि इससे पहले भी मोदी सरकार निजी करण के मुद्दे पर विपक्षी दलों के निशाने पर रही है। खास तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे को कई बार उठाया है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि देश की सरकारी कंपनियों का निजीकरण किए जाने के बाद देश की चंद बड़ी प्राइवेट कंपनियों का ही राज होगा।

जोकि जनता के लिए चिंताजनक हो सकता है। मध्यम वर्गीय और गरीब लोग के लिए जीवन-यापन मुश्किल हो जायेगा।

मोदी सरकार ने इस आम बजट में एयरपोर्ट, बिजली ट्रांसमिशन लाइन, सड़क और वेयरहाउस के अलावा पब्लिक सेक्टर बैंक और सरकारी इंश्योरेंस कंपनी बेचने का फैसला लिया है।

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