सोमवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। वित्तमंत्री सीतारमण ने सभी अटकलों पर विराम लगते हुए रेलवे, बिजली एयरपोर्ट, बंदरगाह को बेचने की घोषणा की।
मोदी सरकार द्वारा सरकारी कंपनियों को बेचने के फैसले से तमाम विपक्षी बड़े नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस आम बजट को देश को बेचने वाला बजट बताया है।
तेजस्वी ने ट्वीट करके कहा कि, “यह देश बेचने वाला बजट है। यह बजट नहीं सरकारी प्रतिष्ठानों व संपत्तियों को बेचने की सेल थी।
रेल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, लाल किला, BSNL, LIC बेचने के बाद यह बजट नहीं बल्कि अब बैंक, बंदरगाह, बिजली लाइनें, राष्ट्रीय सड़के, स्टेडियम, तेल की पाइप लाइन से लेकर वेयरहाउस बेचने का भाजपाई निश्चय है।”
यह देश बेचने वाला बजट है।यह बजट नहीं सरकारी प्रतिष्ठानों व संपत्तियों को बेचने की सेल थी।रेल,रेलवे स्टेशन,एयरपोर्ट,लाल किला, BSNL,LIC बेचने के बाद यह बजट नहीं बल्कि अब बैंक,बंदरगाह,बिजली लाइनें,राष्ट्रीय सड़के, स्टेडियम,तेल की पाइप लाइन से लेकर वेयरहाउस बेचने का भाजपाई निश्चय है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 1, 2021
मोदी सरकार की तरफ से सीतारमण ने बड़ी घोषणा करते हुए संसद में कहा कि, “एयरपोर्ट, सड़के, बिजली ट्रांसमिशन लाइन, रेलवे का डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के हिस्से, वेयरहाउस, गेल, इंडियन ऑयल की पाइप लाइन और स्टेडियम को सरकार बेचेगी। साथ ही सात बंदरगाह भी निजी हाथों में जाएंगे।”
सड़क, बिजली, एयरपोर्ट, बंदरगाह, पेट्रोल पाइपलाइन निजी हाथों में जाने से मध्यम और गरीब आदमी पर गहरा असर पड़ेगा। जिससे कमर तोड़ महंगाई बढ़ेगी।