कोरोना की दूसरी लहर से पूरा देश त्राहिमाम कर रहा है। ऐसी स्थिति में कोरोना की चेेन तोड़ने के लिए सरकार के पास लॉकडाउन के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

ऐसे में देश के अलग अलग हिस्सों में राज्य सरकारों ने परिस्थितियों के हिसाब से लॉकडाउन लगा दिया है। लॉकडाउन लगाने के बाद सबसे बुरी स्थिति रोज कमाने खाने वालों, दिहाड़ी मजदूरों की होती है तो वहीं मध्यमवर्गीय परिवारों का भी बजट पूरी तरह से बिगड़ जाता है।

खाने पीने में कटौती करनी पड़ती है। उधर मुनाफाखोर मानते नहीं है और खाने पीने के सामानों को उंचे दामों पर बेचते हैं।

ऐसे मे केरल में दूसरी बार जीत कर सत्ता में आई एलडीएफ सरकार के सीएम पी विजयन ने बहुत बड़ा ऐलान कर दिया है जो लॉकडाउन की मार झेल रहे लोगों की तकलीफों को काफी हद तक कम करने वाला है।

सीएम ने साफ तौर पर कहा है कि लॉकडाउन के दौरान केरल में कोई भी इंसान भूखा नहीं रहेगा चाहे वो केरल का हो या प्रवासी मजदूर।

केरल सीएम ने कहा है कि अगले सप्ताह से राज्य के सभी परिवारों और अतिथि श्रमिकों के लिए मुफ्त भोजन किट वितरण बांटने की सुविधा शुरु हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि केरल में सभी जरुरतमंद लोगों तक स्थानीय सरकारी संस्थाओं के माध्यम से पहुंचाई जाएगी। ये भोजन कम्युनिटी किचेन और लोकल रेस्टोंरेट से तैयार कराए जाएंगे।

मालूम हो कि केरल में आज से पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। केरेल में कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए सरकार लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने का मन बना चुकी है।

केरल की सरकार ने जनता को साफ संदेश दे दिया है कि आप सब लॉकडाउन का अनिवार्य रुप से पालन करें। गैरजरुरी वजहों से घर से बाहर न निकलें। आपके भोजन की व्यवस्था सरकार करेगी।

जिन जिन प्रदेशों में लॉकडाउन फेल है, उसकी वजह साफ है कि लोग मजबूरी में पेट भरने के लिए पुलिस के डंडे खाकर भी रोजी रोटी के चक्कर में घर से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में अन्य राज्यों की सरकारों को भी केरल सरकार के इस कदम से सबक लेना चाहिए।

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