कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है। सेंटर फॉर इंडियन इकॉनोमी (CMIE) के चीफ एग्जिक्यूटिव महेश व्यास ने बुधवार को ये आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि पिछले 2 महीनों में 2 करोड़ 27 लाख लोग बेरोजगार हो चुके हैं।
देश में कुल 40 करोड़ रोजगारों में 2 करोड़ 27 लाख रोजगार अप्रैल और मई 2021 में ही खत्म हुए हैं।
महेश व्यास के मुताबिक, अब जबकि आर्थिक गतिविधियां वापस पटरी पर लौट रही हैं, तब भी अर्थव्यवस्था को दुरुस्त होने में अभी लंबा समय लगेगा। कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद से देश के 97 फीसदी परिवारों की आय कम हुई है।
अप्रैल में जो बेरोजगारी दर 8 फीसदी पर थी वो मई के महीने में 12 फीसदी हो गई है।
वहीं राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2021 में भारत की विकास दर -7.3 फीसदी रही जो कि पिछले 40 सालों में सबसे कम है।
कोरोना की पहली लहर और मार्च 2020 के बाद कुछ महीनों तक देश में लगे सख्त लॉकडाऊन की वजह से FY 2020-21 में जीडीपी की ग्रोथ रेट गिर कर -7.3% रिकॉर्ड की गयी है। ये जीडीपी की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।
ये गिरावट कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि FY 2019-20 में जीडीपी की ग्रोथ रेट 4% थी हालांकि फरवरी में जारी जीडीपी की अनुमानित गिरावट -8% के मुकाबले इसमें कुछ कमी जरूर आयी है।
वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमणियम ने कहा, “वित्तीय साल 2020-21 की फर्स्ट क्वार्टर में गिरावट -24.4% थी। अब 2020-21 में इकनोमिक कंट्रक्शन -7.3 % रहा जो फरवरी में अनुमानित -8% में मार्जिनल इम्प्रूवमेंट है।”
सोमवार को ही वाणिज्य मंत्रालय ने अप्रैल महीने के लिए 8 कोर इंडस्ट्रीज के प्रोडक्शन के आंकड़े सार्वजानिक किये जो दर्शाते हैं कि अर्थव्यवस्था का संकट नए वित्तीय साल में फिर गहराता जा रहा है।
साफ है कि भारत के लिए गिरती अर्थव्यवस्था से लड़ना और मुश्किल होता जा रहा है। लेकिन सरकार केवल 7 साल का जश्न मनाने में व्यस्त है।
आम जनता के बदहाल अर्थव्यवस्था के खामियाज़े भुगतने पड़ रहे हैं और हमेशा की तरह सरकार इस पर किसी भी तरह की सहायता ना करते हुए अपनी आंखें बंद किए जश्न मना रही है।