देश में मोदी सरकार द्वारा सरकारी संस्थाओं के किए जा रहे निजीकरण का विपक्षी दलों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है। इस कड़ी में सोमवार को देश के बैंक कर्मियों द्वारा दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया गया था।
निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों द्वारा की गई इस 2 दिन से हड़ताल का राष्ट्रव्यापी असर नजर आया है। इस हड़ताल में बैंक कर्मियों ने मोदी सरकार की निजीकरण की नीतियों का जमकर विरोध किया।
बैंक कर्मियों के बाद अब बीमा कंपनी के कर्मचारी भी दो दिनों की हड़ताल पर जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि 17 मार्च को देश की बीमा कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा हड़ताल शुरू की जाएगी। जोकि दो दिनों तक चलेगी।
इस संदर्भ में भारतीय बीमा कंपनी संगठन के महासचिव के गोविंदन ने कहा है कि मोदी सरकार द्वारा बीमा कंपनी के निजीकरण के खिलाफ हमने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
इस हड़ताल को बैंकों के साथ-साथ ट्रेड यूनियनों ने भी समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
दरअसल लोकसभा में पेश किए गए आम बजट 2021-22 पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के दो बड़े सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण की घोषणा की थी।
17 मार्च को साधारण बीमा कंपनियों ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसके बाद 18 मार्च को भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी हड़ताल करेंगे।
गौरतलब है कि 15 मार्च से देश में बैंक कर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ हड़ताल का सिलसिला शुरू किया था। दरअसल मोदी सरकार ने एलआईसी का आईपीओ जारी करने का फैसला लिया है।
बताया जाता है कि इस वक्त एलआईसी की 32 लाख करोड़ की संपत्ति है। कंपनी के पास लगभग 40 करोड पॉलिसी धारक हैं। लेकिन सरकार का मानना है कि एलआईसी में पारदर्शिता लाने के लिए विनिवेश का यह कदम उठाया जा रहा है।