उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़की हिंसा के बाद पुलिस की बर्बर कार्रवाई देखने को मिल रही है। कई जगहों से पुलिस द्वारा घरों में घुसकर तोड़फोड़ और मारपीट किए जाने की खबरें सामने आ रही हैं।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पुलिस हिंसा में शामिल प्रदर्शनकारियों के घर पर दबिश दे रही है और उनके घर में घुसकर परिजनों से मारपीट कर रही है। पुलिस दबिश के दौरान घरों में तोड़फोड़ भी कर रही है। जिसकी कई तस्वीरें भी सामने आ चुकी हैं। न्यूज़ वेबसाइट द वायर ने पुलिस की इस बर्बर कार्रवाई पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी की है।
इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा प्रदर्शनों के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। जिसमें प्रदर्शनकारियों से वसूली किए जाने की बात कही गई है। ये नोटिस 28 लोगों को रामपुर में, 26 को संभल में, 43 को बिजनौर में और 33 को गोरखपुर में जारी किए गए हैं।
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नोटिस के मुताबिक, रामपुर में 14.8 लाख की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया जबकि 15 लाख की सपंत्ति का नुकसान संभल में किया गया। बिजनौर में 19.7 लाख की संपत्ति हिंसा की भेंट चढ़ गई। ये सारे पैसे जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है, इनसे वसूले जाएंगे।
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही ये बात कही थी कि वह प्रदर्शनकारियों से सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई करेंगे। उन्होंने कहा था कि अगर प्रदर्शनकारी पैसे देने में असमर्थ हुए तो उनकी संपत्ति को ज़ब्त कर ये वसूली की जाएगी।
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सरकार द्वारा की जा रही इस तरह की कार्रवाई पर मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय ने ऐतराज़ जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है, “यूपी सरकार-प्रशासन जिस प्रकार बदले की भावना से प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है वो निंदनीय है। किसी भी सरकार-प्रशासन से अधिक परिपक्वता और संयम की उम्मीद की जाती है”।
Magsaysay award winner&activist Sandeep Pandey writes to UP CM, states,"Vengeance with which UP govt-admin is acting in response to violence by anarchist elements which took place during protests is condemnable as more maturity&restraint is expected of any govt-administration". pic.twitter.com/Wnxc8As1u9
— ANI UP (@ANINewsUP) December 26, 2019