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देशभर में नागरिकता कानून के विरोध में पुलिस का हिंसक रूप धीरे-धीर सामने आ रहा है यूपी पुलिस ने तो इस प्रदर्शन को दबाने के लिए खुद हिंसक रूप धारण कर लिया था।
फ़िरोज़ाबाद में नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन में मोहम्मद शफ़ीक़ नाम के शख्स को पुलिस ने सीधे सर में गोली मार दी थी, जिसके बाद से वह ज़िंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है।
शफ़ीक़ की पत्नी का कहना है कि वो 20 दिसम्बर को काम से घर लौट रहा था और उस प्रदर्शन का हिस्सा भी नहीं था लेकिन पुलिस ने उसको निशाना बनाकर गोली मारी है। उन्होंने कहा, मैंने पुलिस को गोली मारते हुए देखा है। अगर चेतावनी देनी थी तो पैर में गोली मारते लेकिन सीधे सिर में गोली मारी है ताकि वे बच नहीं सके।
पुलिस की हिंसक कार्यवाई का शिकार हुए मोहम्मद शफ़ीक़ आज दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
शफ़ीक़ की पत्नी रानी के अनुसार, वह एक चूड़ी के कारखाने में काम करते हैं। 20 दिसंबर को शाम 4 बजे कारखाने से आते समय उनको पुलिस की गोली लगी जिसके बाद वे वहीँ पर गिर गए। उन्होंने कहा- जब मेरे देवर ने उनको देखा तो वह उनको उठा कर मोटरसाइकिल पर ट्रामा सेंटर लेकर गए जहाँ से उनको आगरा भेज दिया और अगले 24 घंटे तक उनको इलाज़ नहीं मिला।
उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को हिंसा करने वालो पर सख्त कार्यवाई करने का आदेश दिया था जिसके बाद से यूपी में पुलिस की कार्यवाही से 16 लोगों की जान चली गयी थी, जिनमे से फ़िरोज़ाबाद के 4 लोग थे और पांचवा आज दिल्ली में ज़िंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।