देश में इस वक्त जातिगत जनगणना का मुद्दा काफी चर्चा में बना हुआ है। कई विपक्षी नेता मांग कर रहे हैं कि मोदी सरकार को जातिगत जनगणना करवाने के पक्ष में जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए।

इस कड़ी में अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सहमति जताई है।

उन्होंने कहा है कि अगर सभी राजनीतिक दल जातिगत जनगणना के मुद्दे पर आम सहमति बनाते हैं। तो उन्हें भी इससे कोई परेशानी नहीं है। जातिगत जनगणना होनी ही चाहिए।

दरअसल इस वक्त कई विपक्षी दल ने एक साथ आकर जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर अब ममता बनर्जी की सहमति मिलने से विपक्षी दलों को और भी मजबूती मिल गई है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि अगर इस मुद्दे पर चर्चा की जाती है और आम सहमति बन जाती है। तो उन्हें इससे कोई एतराज नहीं है। इसलिए सभी राजनीतिक दलों सभी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को आम सहमति बनानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह बयान तब आया है। जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि हर राज्य के मुद्दे और वहां के लोगों की भावनाएं अलग तरीके की होती है। इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय जनता दल का भी समर्थन मिल रहा है।

बताया जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मुख्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काफी वक्त से समय मांग रहे थे। लेकिन भाजपा द्वारा उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा था।

अब सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने पीएम मोदी से मुलाकात की है। इस मुलाकात में सभी नेताओं ने जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग पीएम मोदी के समक्ष रखी है।

दरअसल साल 1931 के बाद साल 2011 में जातिगत जनगणना की गई थी। लेकिन इसमें कमियां बताते हुए सरकार ने कभी भी इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की।

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