सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने मोदी सरकार के राज में बढ़ रही बेरोज़गारी को लेकर घेरा है। दरअसल कोरोना महासंकट में लाखों लोगों ने अपनी नौकरियां से हाथ धो लिए हैं।
इस मामले में विपक्षी दलों द्वारा मोदी सरकार को लगातार घेरा जा रहा है। लेकिन इस वक़्त मीडिया पर सिर्फ एक ही मुद्दे पर चर्चा हो रही है, वो है सुशांत सिंह की आत्महत्या के मामले में।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने हाल ही में एक ट्वीट कर कहा था कि वह टीवी चैनलों पर सुशांत सिंह राजपूत का नाम सुन-सुन कर पक गए हैं। अब गरीबी और भुखमरी की समस्या नहीं बची है। सिर्फ सुशांत सिंह राजपूत की समस्या है।
अब एक बार फिर पूर्व जज काटजू ने देश में बढ़ रही बेरोजगारी पर ट्वीट कर किया है। उन्होंने कहा कि “क्या सुशांत सिंह राजपूत का मामला वास्तव में इतना प्रासंगिक है? मार्च से लेकर अब तक 20 मिलियन भारतीय अपनी नौकरियां हो चुके हैं लेकिन इसके बारे में कोई बात नहीं कर रहा”
गौरतलब है कि इस वक्त टीवी चैनलों पर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में तरह-तरह की कहानियां बनाकर दिखाई जा रही है। लेकिन देश में बढ़ रही गरीबी और भुखमरी की वजह से हर रोज लोग मर रहे हैं।
नौकरियां छूट जाने की वजह से हाल ही में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। कोरोना महासंकट में प्रवासी तबके से लेकर बड़ी कंपनियों में काम करने वाले रोज़गारों की भी मुसीबत बढ़ गई है।
लेकिन गोदी मीडिया टीवी चैनलों पर सरकार की सच्चाई दिखाने की जगह सुशांत मामले में सुलगाने में लगी है। सुशांत को न्याय दिलाने की होड़ में मीडिया देश की असल समस्या को छिपाने में लगी है।
Is Sushant Singh Rajput’s death really relevant ? 20 million Indians have lost their jobs since March, but no one talks of that. Talk of Sushant’s death betrays lack of a sense of proportion and priorities
— Markandey Katju (@mkatju) August 25, 2020