उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार को दो साल पूरे हो गए हैं। 19 मार्च सरकार के दो साल पूरे होने पर सीएम योगी ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवाई। उपलब्धियों में एक उपलब्धि योगी ये भी गिनवाते रहे हैं कि, उनके राज में सूबे में एक भी ‘साम्प्रदायिक दंगा’ नहीं हुआ!

मुख्यमंत्री का अनुसरण करते हुए बीजेपी नेता भी ये कहते सुने गए हैं कि उत्तर प्रदेश में दो वर्षों में एक भी दंगा नहीं हुआ। सवाल उठता है क्या यह सत्य है? बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी के बड़बोलेपन हमला करते हुए बड़ा और गंभीर आरोप लगाया है।

जहां ‘बेटियों’ को जिंदा जला दिया जाता हो, उस प्रदेश का CM कह रहा है कि मेरे राज में कोई ‘दंगा’ नहीं हुआ

उत्तर प्रदेश की चार बार की मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट करके कहा कि, “बीजेपी का दावा है कि यूपी दो वर्षों तक दंगा मुक्त रहा ये पूरा सच नहीं है। इस दो वर्षों के दौरान बीजेपी के सभी महारथी मंत्री और नेता अपने ऊपर से जघन्य आपराधिक मुक़दमे हटाने में ही व्यस्त रहे।”

मायावाती ने माँब लिंचिंग पर सीएम योगी को घेरते हुए आगे लिखा है कि, “माँब लिंचिंग जैसी घटनाओं को क्यों भूल गए। इन घटनाओं से पूरा देश शर्मसार हुआ। इसी के चलते माँब लिंचिंग मामले में कोर्ट को आकर दखल देना पड़ा।”

बता दें कि योगी सरकार के दावों की पोल यहीं खुल जाती है जब 26 जनवरी 2018 के दिन कासगंज में तिरंगा यात्रा निकालते समय दंगाइयों ने चंदन गुप्ता नाम के युवक को मौत के घाट उतार दिया था। घटने के बाद कासगंज में धारा 144 लगा दी गई थी।

योगी बोले- मेरे राज में कोई ‘दंगा’ नहीं हुआ, पत्रकार बोले- फिर बुलंदशहर क्या था? क्या दंगे का नाम भी बदल दिया?

वहीं 3 दिसम्बर को बुलंदशहर में ‘गोकशी’ के नाम पर हुई हिंसा के बाद स्याना थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी। जिसका मुख्य आरोपी बजरंग दल का नेता योगेश राज है।

इस घटना के तुरंत बाद खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने आला अधिकारियों के साथ बैठक कर गोकशी के मामले में सख़्ती के साथ निपटने के लिए गाइडलाइन जारी की थी। फिर योगी कैसे कह रहे हैं कि यूपी में दो वर्षों में दंगा नहीं हुआ?

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