कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने जिस लॉकडाउन का सहारा लिया, आज वही प्रवासी मज़दूरों की जान का दुश्मन बन गया है। हैदराबाद के उप्पल में एक मज़दूर ने रेंट न दे पाने और अपने घर न जा पाने के कारण आत्महत्या कर ली।
मृतक का नाम आमिर था और उसकी उम्र 24 साल थी। आमिर 2 साल पहले बिहार से हैदराबाद काम करने के लिए आया था। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक उसने शनिवार को अपने घरवालों से फोन कर बताया कि उसके पास रूम का किराया देने के लिए रुपए नहीं है।
परिवार के दिलासा देने के बावजूद आमिर ने रविवार को पंखे से लटकर अपनी जान दे दी। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा था कि मज़दूरों को अपने घर जाने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन ये नहीं बताया कि बिना खाने और रुपए के वो अपने घर से दूर कैसे ज़िंदा रहेंगे।
लॉकडाउन देश की जनता की जान बचाने के लिए ज़रूरी कदम है, लेकिन इसको लागू करने में कईं जगह चूक हुई है। बूख से मर रहे लोगों की खबरें आ रही हैं, मज़दूरों की बेहाली की वीडियो आ रही है लेकिन उनतक राशन नहीं पहुंच पा रहा। ‘PM केअर’ की बातों से उनका पेट नहीं भर रहा।