तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन की देश भर में अपनी एक अलग छवि है. उन्हें उनके राज्य के लोग जननायक के तौर पर देखते हैं. इसकी वजह भी है.
स्टालिन अपने राज्य और अपनी विचारधारा से कभी समझौता नहीं करते और इंसानियत की बुनियाद पर शासन का संचालन करते हैं.
यूक्रेन संकट के बाद एक बड़ा फैसला लेते हुए तमिल सीएम स्टालिन ने फैसला लिया है कि उनके राज्य के जो भी छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं, उनको भारत वापस लाने में जो भी खर्च होगा, वो तमिलनाडु सरकार उठाएगी.
जाहिर तौर पर ये इस समय में बहुत बड़ा कदम है.
सीएम स्टालिन ने कल ही एक चिट्ठी लिखकर केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि जितने भी भारतीय इस समय यूक्रेन में फंसे हुए हैं, उनकी सकुशल वापसी को सुनिश्चित किया जाए.
अपने पत्र में तमिलनाडु के फंसे हुए लोगों का जिक्र करते हुए सीएम स्टालिन ने कहा था कि यूक्रेन में तमिलनाडु के कम से कम 5000 लोग फंसे हुए हैं. इनमें से अधिकांश छात्र एवं कुछ व्यापारी हैं.
सीएम स्टालिन ने भारत सरकार से अनुरोध किया था कि जो भी भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं, उन्हें वहां से निकालने के लिए विशेष मिशन विमानों की व्यवस्था की जाए.
फिलहाल उन्होंने यह घोषणा की है कि छात्रों को वहां से भारत बुलाने में जो भी खर्च होगा, वह उनकी सरकार वहन करेगी.
आपको बता दें कि इस समय यूक्रेन से भारत आने वाली सारी उड़ानें बंद हैं. 24 फरवरी की सुबह एयर इंडिया का एक विमान राजधानी कीव से भारत के लिए उड़ान भरने वाला था, मगर वह भी विशेष कारणों से रद्द हो गया.
ऐसे में यूक्रेन में फंसे भारतीयों की चिंता सबको होने लगी थी. मिली जानकारी के अनुसार अभी भी 15 हजार भारतीय यूक्रेन के अलग अलग इलाकों में फंसे हुए हैं.
भारत सरकार ने दावा किया है कि उन सभी को वहां से सुरक्षित वहां से वापस भारत बुलाने की कोशिशें जारी हैं.
हालांकि यूक्रेन में फंसे छात्र वहां से लगातार वीडियो जारी करते हुए भारतीय दूतावास और भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
इसी बीच भारत सरकार के यूक्रेन मामले में लापरवाह रवैये पर विपक्ष भी कह रहा है कि भारत सरकार को यूक्रेन की नहीं बल्कि यूपी चुनाव की चिंता है.