पीएम मोदी का हेलिकॉप्टर चेक करने वाले आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने आखिरकार अब चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि वो सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहे थे और इंसाफ के लिए वो कोर्ट जाएंगे। इससे पहले CAT ने निलंबन पर रोक लगा दी थी मगर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश भी की थी।
दरअसल पिछले हफ्ते ओडिशा के संबलपुर में रैली के लिए पहुंचे पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर की जांच करने को लेकर मोहम्मद मोहसिन को निलंबित कर दिया गया था। इस घटना के बारे में बताते हुए मोहसिन ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि घटना के समय वो वहां मौजूद नहीं थे बल्कि जूनियर अफसरों को दिशानिर्देश देकर चले गए थे।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने चुनाव आयोग (Election Commission) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं किया बल्कि उसी के अनुसार कार्रवाई की। मुझे बेवजह सजा दी गई और आयोग ने हड़बड़ी में मुझे निलंबित कर दिया, मुझे कोई रिपोर्ट भी नहीं मिली थी।
"My action was as per Election Commission guidelines, the suspension was illegal. I am being punished for doing my duty'": Mohammed Mohsin, IAS officer facing action for checking PM's chopper, tells NDTV pic.twitter.com/SsHQORk2Ku
— NDTV (@ndtv) April 26, 2019
वहीँ चुनाव आयोग का कहना है कि मोहम्मद मोहसिन ने नियमों से परे जाकर प्रधानमंत्री का हेलिकॉप्टर चेक किया। अब सवाल उठता है की उनका निलंबन एक सजा थी या फिर ऊपर से पड़ने वाले दबाव के चलते उनके खिलाफ ये एक्शन लिया गया।
ये तो आने वाले वक़्त में कोर्ट को ही तय करना है मगर पिछले कई सालों में कई अधिकारीयों पर गाज गिर चुकी है जो सरकार से बेख़ौफ़ होकर अपना काम ईमानदारी से करते है उसे या तो मोहम्मद मोहसिन की तरह या तो निलंबित कर दिया जाता है या फिर अशोक खेमका जैसे ट्रांसफर हो जाता है।