प्रधानमंत्री और भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी अपनी रैलियों में लगातार यूपी में बने सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन को ‘महामिलावट’ बता रहे हैं। महागठबंधन को महामिलावट बताने वाले मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी ने अपना नामांकन पर्चा भरा। मोदी के नामांकन के दौरान वाराणसी में एनडीए के सभी बड़े दलों के नेता मौजूद रहे।
यानि ये सभी एनडीए के नेता और उनके दल बीजेपी और नरेन्द्र मोदी के साथ मिलकर अलग-अलग क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे हैं। ये विपक्ष को एनडीए का शक्ति प्रदर्शन भी दिखाना था। इसा मौके पर बिहार में भाजपा के सहयोगी जेडीयू के नीतीश कुमार और लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान सहित एनडीए के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
वहीं इस मौके पर महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे।
गौरतलब है कि अकाली दल वही दल है जो पंजाब के टुकड़े करके अलग देश खालिस्तान की मांग करता रहा है। इसके अलावा तमिलनाडु से एआईएडीएमके, यूपी से अपना दल की अनुप्रिया पटेल और उत्तर पूर्वी राज्यों के बीजेपी के सहयोगी दल के कई नेता उपस्थित रहे।
PM @NarendraModi ji filed the nomination papers from Varanasi parliamentary constituency today with the good wishes and support of the leaders of National Democratic Alliance#DeshModiKeSaath pic.twitter.com/fykDC6ncWP
— Chowkidar Piyush Goyal (@PiyushGoyal) April 26, 2019
पीएम मोदी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और अन्य बीजेपी नेता जिस विपक्षी गठबंधन को महामिलावट कहते नहीं थक रहे हैं। वही नरेन्द्र मोदी 10 दलों के साथ मिलकर नामांकन कर रहे हैं, क्या ये ‘महामिलावट’ नहीं है?
जो कमी खुद में है उसको सही बताकर भाजपा नेता क्यों विपक्षी गठबंधन को महामिलावट बता रहे हैं? जबकि महामिलावट का सबसे बड़ा उदहारण खुद भाजपा है। गठबंधन के दम पर हिंदुस्तान में हमेशा सरकारें बनती रही हैं, तो इस बार गठबंधन को देख कर भाजपा नेताओं को क्यों खटक रहा है?
बता दें कि यूपी में गठबंधन के नेता अखिलेश यादव अपनी रैलियों में पीएम मोदी के महामिलावट वाले बयान को काउंटर करते हुए इसको महापरिवर्तन बता रहे हैं। वो कह रहे हैं कि यही गठबंधन देश को नया प्रधानमंत्री देगा। अब कौन सा गठबंधन देश को प्रधानमंत्री देगा ये तो 23 मई को परिणाम आने के बाद ही मालूम होगा।