मोदी सरकार में मानव संसाधन मंत्री रह चुकी स्मृति ईरानी पर विपक्ष आरोप लगा रहा है कि उन्होंने चुनावी हलफनामे में अपने शैक्षणिक योग्यता की गलत जानकारी दी है। 2004 के लोकसभा चुनाव के अपने हलफनामे में स्मृति बीए थीं। फिर 2011 राज्यसभा के चुनावी हलफनामे में वह बीकॉम फर्स्ट ईयर बताती हैं।

इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर वह बीए पास कर लेती हैं। अब फिर से वह बीकॉम फर्स्ट ईयर की डिग्रीधारी हो गयी है। स्मृति ईरानी अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। ईरानी के इस डिग्री वाली जानकारी को लेकर कांग्रेस की पूर्व प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी खूब जमकर इनका मज़ाक बनाया था।

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उन्होंने इन्ही के धारावाहिक ‘क्यूंकि सास भी कभी बहु थी’ के तर्ज़ पर एक कटाक्ष भरा गीत मीडिया के सामने सुनाया। ”क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी”। इसकी ओपनिंग लाइन होगी, उसके बाद ओपनिंग लाइन भी मैं बताती हूं क्या होगी… ”क्वालिफिकेशन के भी रूप बदलते हैं, नए-नए सांचे में ढलते हैं, एक डिग्री आती है, एक डिग्री जाती है, बनते एफिडेविट नए हैं”

स्मृति ईरानी के डिग्री को लेकर दिल्ली की अदालत ने भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से भी उनके डाक्यूमेंट्स जांच के लिए आदेश दिया था. इसके जवाब में दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा है की मोहलत देने के बाद भी अभी तक स्मृति ईरानी ने बीए का अपना दस्तावेज़ हमे नहीं सौंपा है।

कांग्रेस पार्टी के नेता शुरू से ही इस मामले को लेकर सोशल मीडिया और लोगो के बीच बहुत मुखर है। इसी कड़ी में कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर के स्मृति ईरानी को आड़े हाथों लेते हुए कहा

”स्मृति ईरानी जी 2014 में BA पास थी,2019 के चुनाव में बारहवीं पास हो गई। मुझे लगता है 2024 के चुनाव से पहले केजी (KG) क्लास में एडमिशन ले ही लेंगी”।

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