भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान, मेरे घर में प्याज-लहसुन नहीं खाया जाता इसलिए प्याज मंहगी होने पर कोई फर्क नहीं पड़ता
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि प्याज की बढ़ती कीमतों से व्यक्तिगत तौर पर मुझे कोई खास असर नहीं पड़ा है, क्योंकि मेरा परिवार प्याज-लहसुन जैसी चीजों को खाना पसंद नहीं करता है।
देशभर में प्याज 90 से 120 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। प्याज के महंगे होने से लोग परेशान हैं, थाली से खाने का ज़ायका फीका हो गया है। इसपर जब संसद में किसी सांसद ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सवाल किया तो उन्होंने गैरजिम्मेदाराना भरा बयान दिया। उन्होंने कहा, “मैं बहुत ज्यादा प्याज-लहसुन नहीं खाती। इसीलिए चिंता न करें मैं ऐसे परिवार से आती हूं, जिसे प्याज की कोई खास परवाह नहीं है।”
निर्मला सीतारमण को ये समझना चाहिए कि वो कोई एक घर संभालने वाली आम महिला नहीं हैं बल्कि वो भारत देश की वित्त मंत्री हैं। जिसके कंधों पर देश की अर्थव्यवस्था और महंगाई की भारी जिम्मेदारी है। लेकिन उन्हें लगा कि उनके प्याज न खाने से पूरा देश ही प्याज खाना छोड़ देगा! अगर निर्मला सीतारमण के लिए महंगाई नहीं है तो, जैसे आम लोगों के लिए भी महंगाई नहीं होगी। अगर निर्मला जी ये तर्क मानती हैं तो उन्हें ही ये तर्क मुबारक।
निर्मला सीतारमण के प्याज पर दिए बेतुके बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोग उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं। वहीं गुरुवार को कांग्रेस के सांसदों ने संसद भाव परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्याज की बढ़ती कीमतों के विरोध में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम समेत लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कुमारी शैलजा, गौरव गोगोई आदि ने हिस्सा लिया। इस दौरान कांग्रेस सांसदों ने प्याज की टोकरी ले रखी थी।
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