‘नोटबंदी’ मोदी सरकार का अबतक का लिया गया सबसे बड़ा फैसला है। क्योंकि नोटबंदी ने देश को जितना प्रभावित किया है उतना किसी फैसले ने नहीं किया।
नोटबंदी करने से एक झटके में लोग सड़कों पर आ गए, एटीएम की लाइनों में 100 लोगों की मौत हो गई, लाखों लोगों बेरोजगार हो गए, रियल स्टेट की बिल्डिंगें एका-एक बननी बंद हो गईं, काम ठप्प हो गया। धीरे-धीरे फक्ट्रियों में उत्पादन कम हो गया, कर्मचारियों की छटनी शुरू हो गई।
इसी नोटबंदी का ही असर है कि आज़ादी के बाद मोदी सरकार में सबसे ज्यादा 90 लाख लोगों का रोजगार छिन गया है। 45 सालों में वेरोजगारी सबसे ज्यादा है। बावजूद इसके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार नोटबंदी से देश को क्या-क्या फायदा हुआ वो नही गिना पा रहे हैं।
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सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया और योगी सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर ने पीएम नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर हमला किया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि, “नोटबंदी लागू होने के 50 दिन के अंदर काला धन आने वाला था क्या हुआ, 3 साल बीत गया क्यों नहीं आया काला धन, क्या काल धन सब भाजपा का 5 स्तर कार्यालय बनाने में लग गया क्या? पूरे देश का नौजवान बेरोजगारी से जूझ रहा है, बिल्डर से लोडर तक तबाह हो गए क्या इसी को अच्छे दिन कह रहे थे?”
नोटबन्दी लागू होने के 50 दिन के अंदर काला धन आने वाला था क्या हुआ,3 साल बीत गया क्यो नही आया काला धन,क्या काला धन सब @BJP4India का 5 स्टार कार्यालय बनाने में लग गया क्या?पूरे देश का नौजवान बेरोजगारी से जूझ रहा है,बिल्डर से लोडर तक तवाह हो गए क्या इसी को अच्छे दिन कह रहे थे।
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) November 8, 2019
वैसे तमाम दावे बताते हैं कि, देश नोटबंदी से न तो आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है और न ही कश्मीर में पत्थरबाजी में कमी आई। देश में नकली नोटों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है, सबसे बड़े 2,000 के नोट को जमा करने में बढ़ोतरी हुई है। मोदी सरकार में ही उरी, पठानकोट और बालाकोट जैसे बड़े आतंकवादी हमले हुए।