महाराष्ट्र में इस वक्त मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा गया एक पत्र सुर्खियों में बना हुआ है।
जिसमें उन्होंने दावा किया है कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अफसर सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड रुपए देने की मांग की थी।
आज यह मामला संसद के दोनों सदनों में भी उठाया गया है। भाजपा द्वारा इस मामले में शिवसेना को घेरा जा रहा है।
इस मामले में अब आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर एक बेसिक सवाल जो खड़ा होता है। वो ये है कि अगर जो बातें अब पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह कह रहे हैं। इसमें अगर सच्चाई थी तो उन्हें उसी वक्त आपत्ति जाहिर करनी चाहिए थी।
अगर आप से महीने की 100 करोड़ रुपए की वसूली मांगी जा रही है। तो आप बतौर पुलिस कमिश्नर पहले ही मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर इस बारे में जानकारी देते।
लेकिन जब आपको इस पद से हटा दिया गया है। तो आप इसकी सूचना दे रहे हैं तो सोचने वाली बात है।
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा है कि इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए। अगर राज्य के गृह मंत्री दोषी हैं। तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए और उनका इस्तीफा लिया जाए। अगर यह चिट्ठी किसी राजनीतिक कारण के लिए लिखी गई है तो यह बात भी सामने आ जाएगी।
इस मुद्दे पर भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही राजनीति पर संजय सिंह ने कहा है कि नैतिकता की बात अगर भारतीय जनता पार्टी करें तो वह कहीं से भी अच्छा नहीं लगता है। इन लोगों ने हमेशा तोड़फोड़ करके सरकारी बनाए हैं।
इन लोगों ने हमेशा विधायकों की खरीद-फरोख्त करके चुनी हुई सरकारों को खत्म करने की कोशिश की है। इसलिए नैतिकता की बात करने का भाजपा को कोई अधिकार नहीं है।