राफेल पर हुए खुलासे पर शिवसेना ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना ने मोदी सरकार से पूछा कि वायुसेना या ‘इंडस्ट्रियलिस्ट’, किसके लिए डील किया गया था।
शिवसेना ने बकायदा अपने मुख्यपत्र सामना में लिखा कि मोदी ने गुरुवार को संसद में देशभक्ति पर भाषण दिया और इस सौदे का बचाव किया था।
शिवसेना ने लिखा कि एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल पर लोकसभा में सफाई दी मगर अगले ही दिन, ‘काला चिट्ठा’ (दस्तावेज) सबके सामने आ गया। शिवसेना ने सवाल किया मोदी से इस बारे में जवाब की उम्मीद की जाती है कि उन्होंने सौदा वायुसेना को मजबूत करने के लिए किया गया? या फिर आर्थिक रूप से परेशानहाल एक उद्योगपति के लिए किया गया है।
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शिवसेना ने राफेल मामले पर कांग्रेस को ही कसूरवार ठहराये जाने पर कहा कि राफेल मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार आलोचना कर रहें है। मगर इस मामले में विपक्ष को क्यों दोषी ठहराया जाना चाहिए। आगे लिखा गया कि विरोधी नष्ट हो सकते हैं, लेकिन सच्चाई जीवित रहेगी।
पीएम मोदी के ‘कांग्रेस रक्षा सेवाओं को मजबूत नहीं करना चाहती’ वाले बयान पर शिवसेना ने लिखा कि प्रधानमंत्री ने बार-बार आरोप लगाया (संसद में) कि कांग्रेस रक्षा सेवाओं को मजबूत नहीं करना चाहती और अगले ही दिन सामने आई इस खबर से यह पता चलता है कि इस सौदे में मोदी की व्यक्तिगत रुचि कितनी अधिक थी। इसका क्या मतलब निकाला जाए?
मोदी राफेल सौदे से सीधे तौर पर जुड़े थे मगर सवाल कांग्रेस से क्यों?
सामना में शिवसेना ने लिखा राफेल डील में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी शामिल थे। जबकि रक्षा मंत्री,रक्षा सचिव जैसे प्रमुख लोगों को इससे दूर रखा गया।
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शिवसेना ने रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए लिखा पीएम मोदी ने खुद राफेल (विमानों) की कीमत तय की है और इसका ठेका किसे देना है जैसे फैसले लिए इसके लिए उनकी आलोचना होनी चाहिए और बीजेपी को इस आलोचना का सामना करना चाहिए।
मगर ऐसा हुआ नहीं जबकि इसके उलट मोदी सरकार एक सुर में ये कहने लगी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगना देश की आलोचना कैसे हो सकती है।