लोकसभा में आज यानि 2 दिसंबर को राफेल डील को लेकर काफी बहस हुई। केंद्र की मोदी सरकार ने जहां इसे देश के सुरक्षा का मुद्दा बताया, वहीं विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए इस मामले में जेपीसी की मांग की।

विपक्ष के साथ ही बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी इस मुद्दे को लेकर सदन में सरकार पर जमकर हमला बोला। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर सरकार इस मामले में साफ़ है तो जेपीसी से क्यों डर रही है?

शिवसेना सांसद ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि यह कैसा ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट था कि जिसकी कोई कंपनी ही नहीं थी। वह सिर्फ कागजों पर है। जबकि एचएएल के पास सब था। उन्होंने कहा कि अगर हमारी सरकार साफ है तो हम जेपीसी से क्यों डरते हैं?

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बता दें कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि आपकी हिम्मत नहीं है कि राफ़ेल मामले पर सदन में आकर जवाब दे सकें।

राहुल गांधी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि आख़िर क्यों ये डील HAL ( हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटड) से लेकर 10 दिन पहले बनी अनिल अम्बानी की रिलायंस डिफ़ेंस को दिया गया।

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उन्होंने कहा कि, क़र्ज़ में डूबे अम्बानी को फ़ायदा पहुँचाने के लिए सरकार ने राफ़ेल डील अम्बानी को दे दी।

कांग्रेस अध्यक्ष ने इस दौरान जेपीसी जांच की मांग करते हुए कहा कि भाजपा से मैं कहना चाहता हूं कि डरने की बात नहीं है। राफेल घोटाले में जेपीसी जांच का आदेश कीजिये दूध का दूध – पानी का पानी हो जाएगा।

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