मध्यप्रदेश सचिवालय में सूबे की नई सरकार द्वारा वंदेमातरम न गाए जाने से नाराज़ बीजेपी कार्यकर्ता इसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस को वंदे मातरम गाने में शर्म आती है, इसलिए उसने सचिवालय में 13 सालों से गाए जा रहे इस गान को बंद कर दिया।

बीजेपी ने यह भी आरोप लगाए कि कांग्रेस को वंदेमातरम के शब्द नहीं आते, इसलिए वह इससे बचने की कोशिश कर रही है।

सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर के ज़रिए कहा कि अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊंगा।

पूर्व सीएम अपने ट्वीट के ज़रिए कांग्रेस को वंदे मातरम सिखाने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन शायद वह अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को वंदे मातरम के शब्द सिखाना भूल गए हैं।

अगर उन्होंने कांग्रेस से पहले अपने कार्यकर्ताओं को राष्ट्र गीत सिखाया होता तो उनके कार्यकर्ता मीडिया के सामने फज़ीहत कराते नज़र नहीं आते।

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दिलचस्प बात तो यह है कि न्यूज़ चैनल आजतक के संवादाता ने वंदे मातरम बीजेपी के उन कार्यकर्ताओं से गाने को कहा जो कांग्रेस सरकार द्वारा सचिवालय में वंदे मातरम न गाए जाने का विरोध कर रहे थे।

जब चैनल ने विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं से वंदे मातरम को पूरा गाने को बोला तो वो इससे बचते नज़र आए। कुछ कार्यकर्ताओं ने हिम्मत करके इसे गाने का थोड़ा प्रयास ज़रूर किया, लेकिन वह भी असफल रहे।

ऐसे में वंदे मातरम को लेकर बीजेपी का कांग्रेस पर वार करना एक राजनीतिक स्टंट से ज़्यादा कुछ नज़र नहीं आता। अगर बीजेपी सच में राष्ट्र गीत को लेकर गंभीर होती तो उसके हर कार्यकर्ता को राष्ट्र गीत गाने में कोई दिक्कत पेश नहीं आती।

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