देश में फैली कोरोना महामारी के बीच में अभी तक 20 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाए जाने का दावा किया जा रहा है। सरकार का कहना है कि 2020 के मध्य से ही लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाए जाने पर जोर दिया जा रहा है।
इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क यह सब टेंपरेरी चीजें हैं। लेकिन वैक्सीन ही कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए एक स्थाई समाधान है।
राहुल गांधी का कहना है कि उन्होंने इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बातचीत की है कि अगर भारत ने वैक्सीन स्ट्रेटजी पर ठीक तरह से काम नहीं किया।
तो एक बार नहीं बल्कि देश में कोरोना संक्रमण से कई बार लोग मरेंगे। क्योंकि वैक्सीनेशन ना होने की वजह से कोरोना की लहरें आती जाएँगी।
सरकार अभी कोरोना संक्रमण की स्थिति को समझ नहीं पा रही हैं। मैंने पहले भी कई बार कोरोना संक्रमण पर सरकार को आगाह किया था।
मोदी सरकार को अभी तक कोरोना का स्वभाव ही समझ में नहीं आया है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात की समझ होती। तो वह वायरस के फैलने की जगह को बंद करने पर फैसला लेते।
देश में अभी तक सिर्फ 3% लोगों को वैक्सीन लगी है। जबकि सरकार बड़े स्तर पर वैक्सीन कैंपेन चलाने के दावे कर रहे हैं।
इस दौरान राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा किए गए प्रचार पर भी पीएम मोदी को घेरा है।
उन्होंने कहा कि जब पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे। तो उनकी जनसभा में ही उनके सामने हजारों लोग बिना मास्क पहने हुए खड़े हुए हैं और उन्होंने खुद भी मास्क नहीं पहना। तो ऐसे में लोगों के बीच क्या संदेश जा रहा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए राज्य सरकारों पर वैक्सीनेशन ना होने का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन विपक्षी दल सरकार को रास्ता दिखाने का काम कर रहे हैं। विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं है।
राहुल गांधी का दावा है कि अगर फरवरी में ही हमारी बात सुनी गई होती तो आज देश में लाखों लोग नहीं मरते।
अगर केंद्र और राज्य सरकारें वैक्सीनेशन के मामले में मिलकर काम करेंगे। तो तभी भारत में कोरोना संक्रमण खत्म हो पाएगा। लेकिन अगर केंद्र सरकार इसी तरह विपक्ष में गलतियां निकालता रहा तो ऐसा संभव नहीं होगा।