योग गुरु और व्यवसायी बाबा रामदेव से जुड़े विवाद ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। पहले तो उन्होंने एलोपैथी पर विवादित बयान दिया जिसके बाद उनकी गिरफ्तार करने की मांग उठने लगी। और अब उनके पतंजलि गुरुकुल स्कूल में छात्रों को बंधक बनाने के आरोप लग रहे हैं।

ये आरोप लगाने वाले और कोई नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही हैं।

उनका कहना है कि गरियाबंद कलेक्टर और एसपी की पहल पर बच्चों को गुरुकुल में बंधक बनाया गया।

दरअसल, बघेल ने आरोप लगाया है कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के गुरुकुल स्कूल में उनके राज्य के चार छात्रों को बंधक बनाकर रखा जा रहा था।

उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, “पतंजलि गुरुकुल स्कूल में छत्तीसगढ़ के 4 छात्रों को बंधक बनाए जाने की शिकायत मुझ तक पहुंची थी। गरियाबंद कलेक्टर और एसपी की पहल पर बंधक बनाए गए बच्चों को छोड़ दिया गया है। मैं बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ।”

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी रामदेव और भाजपा के नेता रमन सिंह पर सवाल उठाते हुए लिखा, “डॉक्टर रमन सिंह रामदेव के करीबी हैं। छत्तीसगढ़ के 4 बच्चों को रामदेव ने बंधक बनाया। क्या यह किसी के कहने पर हुआ?

रमन सिंह आपका इस मामले पर क्या कहना है प्रदेश की जनता जानना चाहती है? आपकी चुप्पी इस पर संदेह पैदा करेगी, जवाब दीजिये।”

जितना बड़ा रामदेव का कारोबार है, उतना ही बड़ा ये आरोप। एक तरफ रामदेव टीवी पर ‘शिष्टाचार’ और ‘संस्कार’ सिखाते दीखते हैं। उन्होनें कांग्रेस सरकार के घोटालों के खिलाफ आंदोलन में भी भाग लिया था।

तो वहीँ दूसरी तरफ एक राज्य के मुख्यमंत्री दावा करते हैं कि बाबा के खुदके गुरुकुल में बच्चों को बंधक बनाकर रखा जा रहा है।

रामदेव का कहना है कि कोई उन्हें गिरफ़्तार नहीं कर सकता। लेकिन इतने बड़े आरोप के बाद तो उनकी गिरफ्तारी भी होनी चाहिए और उनसे पूछ-ताछ भी।

अगर बंधक किसी कलेक्टर और एसपी की पहल पर बनाया गया, तो क्या गुरुकुल के लोगों को इसकी भनक नहीं थी?

इस बात की जाँच होनी चाहिए कि कहीं बाबा की उपाधि पाए योग गुरु के कारोबार में कहीं किसी मासूम के साथ अन्याय तो नहीं हो रहा। ऐसा इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि इससे पहले कई बाबाओं की पोल खुली है। फिर वो चाहे आसाराम हो या राम रहीम।

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