
मेघालय के कोयला खदान में पिछले दो हफ्तों से 15 खनिक फंसे हुए हैं। इन खनिकों का रेस्क्यू ऑपरेशन एनडीआरएफ की टीम ने रोक दिया है।
एनडीआरएफ का कहना है कि उन्हें खदान से पानी निकालने के लिए ज्यादा प्रेशर वाले पंप की जरूरत है। इस पंप के मांग की अर्जी 8 दिन पहले दे दी थी, लेकिन उस अर्जी को अभी तक स्वीकृत नहीं किया गया है।
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया है। इस ट्वीट में राहुल गांधी, प्रधानमंत्री से प्रार्थना कर रहे हैं कि इन मजदूरों की जान बचा लीजिए।
इस पूरे ट्वीट में राहुल गांधी का प्रधानमंत्री मोदी को ताना मारना भी जायज है, क्योंकि एक तरफ 15 मजदूर पिछले 15 दिनों से एक गढ्ढें में फंसे हैं।
उनके लिए सांस लेना भी मुश्किल है वहीं देश के पीएम एक पुल के उद्घाटन में फोटो खींचवाने में व्यस्त हैं। देश का पीएम देशवासियों के लिए इतना लापरवाह कैसे हो सकता है।
अपने मंत्रालय तथा मंत्रियों को सक्रिय कहने वाले प्रधानमंत्री मोदी का मंत्रालय यहां क्यों लापरवाही कर गया।
पिछले 8 दिन से दी गई हाई प्रेशर पंप की अर्जी भी अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। सवाल है कि कब सरकार इस अर्जी को स्वीकार करेगी और कब हाई प्रेशर पंप, बचाव कार्य तक पहुंच पाएगा।
अब तो इन मजदूरों के परिजनों ने इनके बचने की उम्मीद छोड़ दी है। मान ले की यदि सरकार ने एनडीआरएफ को उन संसाधनों का मुहाया जल्दी नहीं करवाया। और खदान में फंसे इन मजदूरों की जान नहीं बच पाई तो इसका जिम्मेदारी पीएम लेंगे ?
हम भी राहूल गांधी की तरह ही पीएम मोदी से प्रार्थना ही कर सकते हैं। प्रधानमंत्री जी फोटों के लिए पोज़ देना बंद कीजिए। और जो मजदूर खदान में फंसे हुए हैं उन्हें बचाने के लिए एनडीआरएफ तक जरूरत के संसाधन पहुंचाइए।