गायों में बढ़ते लंपी वायरस के मद्देनजर राजस्थान में सियासी गर्माहट तेज हो गई है. राजस्थान में विपक्ष की भाजपा ने मौजूदा कांग्रेस सरकार पर नाकामी का आरोप लाया है.

जिसके जवाब में राजस्थान सरकार में मंत्री सुखराम बिश्नोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख लंपी वायरस पर की जा रही भाजपा की राजनीति पर तीखी प्रक्रिया दी है.

श्रम राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में लिखा है, “आप इस विषय पत्र मौन हैं. आपकी ही पार्टी के नेता झूठा गौ प्रेम दिखा रहे हैं, जैसी गौमाता ने खुद ही नकार दिया है. कल गौमाता ने खुद इसका बहिष्कार कर दिया, उम्मीद है यह आपके संज्ञान में आ चुका होगा.”

पत्र में आगे उन्होंने लिखा, “गाय हमारी आस्था से जुड़ा प्राणी है. गौमाता को हमसब बेहद श्रद्धा के साथ पूजनीय मानते हैं. आज हमारी गौमाता संकट में हैं. लंपी बीमारी के चलते देश के कई राज्यों में गौमाताएं जीवन और मरण के बीच जूझ रही हैं.

आपके चीते लाने की टाइमिंग हमें आहत करती है क्योंकि यही ऊर्जा अगर आप गौमाता की सेवा में लगाते तो सीमित संसाधनों वाली राज्य सरकार को बड़ा बाल मिलता. लेकिन अफसोस कि हमारे बार बार आग्रह करने के बावजूद आप इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं कर रहे.”

मंत्री सुखराम बिश्नोई द्वारा लिखे इस पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा इस लंपी वायरस को महामारी घोषित करने की कवायद की है.

एक ओर जहां विदेश से लाए जा रहे चीतों की व्यवस्था बहुत ही दुरुस्त रखी जा रही है वहीं दूसरे ओर लंपी वायरस की चपेट में आने से हो रही गायों की दुर्दशा पर केंद्र सरकार कोई व्यवस्था नहीं कर रही है.

भाजपा और प्रधानमंत्री गौप्रेम जाहिर तो करते हैं लेकिन जब आज उन्हें इस बीमारी से निजात पाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उचित प्रयासों की जरूरत हैं वहां भाजपा और प्रधानमंत्री का गौप्रेम झूठा और बनावटी सा हो गया है.

राजस्थान में भाजपा लंपी वायरस को लेकर सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठा रही हैं वहीं दूसरी ओर सुखराम बिश्नोई ने गायों की मौत के और कुव्यवस्था के लिए प्रत्यक्ष तौर पर प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है.

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