भारत में चल रहे कोरोना महासंकट के बीच भी दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन चल रहा है। इसी बीच कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे संकट में चल रहे इस किसान आंदोलन को खत्म करने की चर्चा भी जोरों शोरों पर चल रही है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने इसके विपरीत यह साफ कह दिया है कि किसानों द्वारा किया जा रहा यह आंदोलन बिल्कुल भी खत्म नहीं होगा।

राकेश टिकैत का कहना है कि बीमारी का रास्ता अस्पताल और इस आंदोलन का रास्ता संसद को जाता है। हमारे आंदोलन में किसी को भी कोरोना संक्रमण नहीं हुआ है।

मोदी सरकार अपने दिमाग से इस गलतफहमी को पूरी तरह से हटा दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से किसानों का यह आंदोलन खत्म हो जाएगा।

हमारी मांगे जब तक पूरी नहीं होती, तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता और एमएसपी पर कानून नहीं बनाया जाता। तब तक यह धरना चलता रहेगा।

गौरतलब है कि बीते साल कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू किए गए इस किसान आंदोलन को 26 मई के दिन 6 महीने पूरे हो जाएंगे। इस दिन को किसान संगठनों द्वारा काला दिवस करार दिया गया है।

भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि “26 मई को सभी किसान अपने घर पर काले झंडे लगाएं। गांव में सभी किसान सरकार का पुतला दहन करें। समस्त किसान गांव के प्रमुख चौराहों पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करें।”

 

किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हम यहां पर 6 महीने से रह रहे हैं। पहले का वक्त हुआ करता था जब गिरफ्तारी देकर हार और जीत तय होती थी।

लेकिन अब मुकाबला किया जाएगा धरना स्थल से या तो हमारी लाशें जाएँगी या फिर इन काले कानूनों की वापसी होगी।

आपको बता दें कि बीते साल शुरू हुए किसान आंदोलन को बदनाम कर इसे खत्म करने की कई कोशिशें की जा चुकी हैं। लेकिन राजनीतिक दल अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए हैं।

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