देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों किसानों की समस्याओं का हल निकालने का दावा करते हुए कहा था कि वह किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर है।
लेकिन इसके बावजूद किसानों से दूरी बनाने के लिए भाजपा की सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर नुकीले कील और लोहे के सरिए गढ़वा दिए हैं। ताकि किसान दिल्ली एंट्री ना ले सके।
अब राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान किसानों को आंदोलन खत्म करने की अपील कर डाली है।
राज्यसभा सदन में पीएम मोदी ने कहा है कि सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों से किसानों को और एमएसपी को किसी भी तरह का खतरा नहीं है। पहले भी एमएसपी हुआ करता था और यह रहेगा भी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्यसभा में किसानों से की गई अपील पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पलटवार किया है।
उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा है कि “एमएसपी दो राज्यों के अलावा न था न है न रहेगा, देश को गुमराह न करे हुक्मरान।”
एमएसपी दो राज्यों के अलावा न था न है न रहेगा
देश को गुमराह न करे हुक्मरान#FarmersProtestDelhi2020 @ANI @PTI_News @ndtvindia @PMOIndia @nstomar pic.twitter.com/XpeD2vGkzV— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) February 8, 2021
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हमारी मांग है कि एमएसपी पर कानून बनाया जाना चाहिए। अभी तक कोई कानून नहीं है। इसीलिए देश के किसानों को व्यापारियों द्वारा लूटा जा रहा है। आगे ये लूट बड़े स्तर पर हो जाएगी।
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में घटी घटना के बाद दिखाता किसान आंदोलन राकेश टिकैत कि एक भावुक अपील के बाद दोबारा एकजुट हो चुका है।
सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद किसान प्रदर्शनकारी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।
बता दें, पंजाब और हरियाणा के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी किसानों के आंदोलन को मजबूत करने के लिए महापंचायतों का आयोजन किया जा रहा है। किसानों ने साफ़ कहा है कि कृषि कानूनों को निरस्त करने तक आंदोलन चलता रहेगा।