पिछले दिनों देश के प्रतिष्ठित मीडिया समूह दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर जिस तरह से इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी हुई, उससे पूरा देश सरकार के रवैये से नाखुश दिखाई दिया।

किसान नेता राकेश टिकैत ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि “हम तो लंबे समय से यह बात कहते आ रहे हैं कि आज देश में कैमरे और कलम पर बंदूक का पहरा बैठा हुआ है। यह बात भारत समाचार के कार्यालय एवं कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी से चरितार्थ हो जाती है।”

आज स्वतंत्र आवाज को दबाने के लिए संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है. राकेश टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन भारत समाचार के साथ खड़ी है।

बताते चलें कि भारत समाचार उस मीडिया समूह का नाम है जिसने गोदी मीडिया के इस दौर में भी अपनी निष्पक्षता एवं सच्चाई को बरकरार रखा हुआ है।

सरकार की चापलूसी और दलाली से दूर रहने वाला यह न्यूज चैनल अक्सर सरकार की गलत नीतियांे, प्रशासनिक कुव्यवस्थाओं के खिलाफ और आम आदमी के पक्ष में खबर दिखाने के लिए जाना जाता रहा है।

कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह से लोगों को अव्यवस्थाओं और कुव्यवस्थाओं से रुबरु होना पड़ा था और सरकारी लापरवाही की वजह से हजारों लोगों को अपनी जान के गंवानी पड़ी थी,

भारत समाचार ने बिना परिणाम की परवाह किए लगातार इसकी कवरेज की और सरकार को जगाने की कोशिश की लेकिन अफसोस की बात है कि सरकार को यह नागवार गुजरा और सरकारी तोते को भारत समाचार के खिलाफ छोड़ दिया गया।

इनकम टैक्स की छापेमारी करवाने के बाद अगर सत्ताधारी पार्टी को लगता है कि वो भारत समाचार या दैनिक भास्कर जैसे ईमानदार मीडिया समूहों पर अंकुश लगा सकते हैं तो शायद उनकी सोच गलत है।

छापेमारी के बाद भी दैनिक भास्कर और भारत समाचान की निरंतरता और कवरेज पहले की तरह ही जारी है।

वहीं दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर हुई छापेमारी की कार्रवाई के बाद देश भर के बुद्धिजीवियों और आम लोगों का समर्थन इन मीडिया समूहों को मिल गया है।

लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि और कोई बात नहीं है, दरअसल ये सरकार डर गई है।

देश की जानी मानी पत्रकार रोहिणी सिंह ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है कि “कोरोना काल में गंगा में तैरती हुई लाशों का हिसाब मांगने वाले समाचार चैनल भारत समाचार पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा है।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here