
90 के दशक में बीजेपी देश में दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी। इसके पीछे की वजह सड़क-स्कूल और अस्पताल नहीं थे बल्कि राम मंदिर थी। बीजेपी राम भरोसे वाली पार्टी बनकर दो सीटों से दो अंकों वाली पार्टी बन गई।
मंदिर निर्माण की बात चुनाव दर चुनाव उठती गई साथ ही इस मामले कि सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चलती रही मगर राम मंदिर और बाबरी मस्जिद पर कोई हल नहीं निकाला।
अब देश में एक बार फिर लोकसभा चुनाव होने है। विकास के रथ पर सवार बीजेपी अब विकास छोड़ एक बार फिर राम मंदिर निर्माण को लेकर शोर मचाने लगी है। संघ मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की बात कर रहा है वहीं बीजेपी बड़े नेता भी ‘मंदिर वहीं बनाएंगें’ के नारे को बुलंद कर रहें है।
वहीँ अयोध्या आंदोलन में बीजेपी का साथ देने वाली पार्टी शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर का मुद्दे पर बीजेपी निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ने मुंबई में कहा कि जैसे सबके खाते में 15 लाख आने वाली बात जुमला थी वैसे ही राम मंदिर भी जुमला है।
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राममंदिर के मुद्दे पर शिवसेना प्रमुख इसी महीने में अयोध्या जायेंगें जिसपर उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को उठा रहे है क्योंकि हम चाहते है कि राम मंदिर बने। ये मुद्दा सिर्फ चुनाव के वक़्त आता है और एक बार चुनाव ख़त्म हो इस मुद्दे को भुला दिया जाता है।
Just like Rs 15 lakh in everyone’s account,is Ram Mandir also a jumla? When we're taking up this issue, we aim to ensure that Ram Mandir is actually built.This issue comes up only during the elections &once elections are over it is forgotten: Uddhav Thackeray, Shiv Sena in Mumbai pic.twitter.com/XFlMCTDMUU
— ANI (@ANI) November 20, 2018
बता दें कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद में मालिकाना हक़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है।
फिलहाल कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को टालते हुए जनवरी में इस मामले पर सुनवाई करेगी क्योंकि कोर्ट का कहना है कि उनके लिए ये मामला इतना ज़रूरी नहीं जितने की और मामले है।
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ऐसे में गेंद अब बीजेपी के पाले में है वो अध्यादेश लाकर मंदिर निमार्ण करवाती है या फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हल निकलता है ये देखना अभी बाकि है।