शिवसेना ने नोटबंदी को प्रधानमंत्री मोदी की सबसे भूल बताई है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का कहना है कि नोटबंदी बिलकुल असफल रही क्योंकि इससे कोई लक्ष्य पूरा नहीं हुआ।
वहीं पार्टी की तरफ से शिवसेना प्रवक्ता ने नोटबंदी पर पार्टी की राय रखते हुए कहा कि वित्त मंत्री कहते हैं कि ज्यादा लोगों को कर के दायरे में लाया गया, मगर लाखों लोगों की नौकरी चली गई इसके पीछे का कारण देने में सरकार विफल रही है।
दरअसल नोटबंदी के दो साल पूरा होने पर बीजेपी की सहयोगी दल शिवसेना ने एक बार हमला बोला है। शिवसेना का कहना है कि नोटबंदी करते वक़्त पीएम मोदी ने जिन जिन मुद्दों पर नोटबंदी करने का फैसला लिया वो विफल रहे चाहे वो आतंकवाद का खात्मा होगा और नकली नोट की समस्या ख़त्म हो जाएगी मगर इसमें से कुछ नहीं हो सका।
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शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि दो साल के बाद इतनी ख़राब स्थिति है लोग अब प्रधानमंत्री मोदी को सजा देना का इंतजार कर रहे है।
शिवसेना नेता ने आरबीआई और मोदी सरकार के बीच चल रही अनबन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जैसे खबरें आ रही है आरबीआई और सरकार के बीच अगर ऐसा होता है तो देश में आर्थिक स्थिति और बदहाल होगी और विदेशी निवेशक यहां निवेश करने के प्रति चिंतित होंगें।
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बता दें कि नोटबंदी के वक़्त भी शिवसेना उन दलों में शामिल थी जिन्होंने नोटबंदी पर विरोध दर्ज किया था। अब दो साल पूरे होने पर शिवसेना पीएम मोदी को नोटबंदी पर सवाल कर रही है जिसका मतलब साफ़ है कि शिवसेना और बीजेपी में आई दरार अभी तक भर नहीं पाई है।