अगले साल देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसमें से दो राज्य सभी राजनीतिक दलों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसमें से एक नाम उत्तर प्रदेश का भी है।
उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार प्रसार के लिए भाजपा द्वारा पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। हाल ही में भाजपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बड़े-बड़े होर्डिंग्स पूरे राज्य में लगाए।
इसी बीच खबर सामने आई है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर साल 2021 तक भारतीय जनता पार्टी ने चुनावों के प्रचार प्रसार के लिए विज्ञापनों पर ही लगभग 5800 करोड रुपए खर्च किए हैं।
भाजपा द्वारा चुनावी प्रचार प्रसार पर खर्च की गई इतनी बड़ी रकम पर विपक्षी दलों द्वारा सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
इस कड़ी में बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने भाजपा पर हमला बोला है।
राजद ने ट्वीट कर लिखा है कि 2014 से 2021 तक 7 साल में मोदी सरकार ने विज्ञापनों पर कुल 5,749 करोड़ रुपये खर्च कर डाले।
कल्पना करिए 5749 करोड़ में कितने विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय, कॉलेज, हॉस्पिटल खुल सकते थे लेकिन प्रचार मंत्री को तो मीडिया खरीदकर अपनी शान में झूठे कसीदे पढ़वाने है। अब भी समय है नींद से जागिए।
2014 से 2021 तक 7 साल में मोदी सरकार ने विज्ञापनों पर कुल 5,749 करोड़ रुपये खर्च कर डाले।
कल्पना करिए 5749 करोड़ में कितने विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय,कॉलेज,हॉस्पिटल खुल सकते थे लेकिन प्रचार मंत्री को तो मीडिया खरीदकर अपनी शान में झूठे कसीदे पढ़वाने है।
अब भी समय है नींद से जागिए
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) September 7, 2021
गौरतलब है कि हाल ही में एक रिपोर्ट के जरिए खुलासा हुआ था कि भारत में भारतीय जनता पार्टी इकलौता ऐसा राजनीतिक दल है। जिसे सबसे ज्यादा चंदा मिलता है।
पार्टी को ये चंदा कहां से आता है। इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती। भाजपा द्वारा इन पैसों का इस्तेमाल बड़े स्तर पर चुनाव प्रचार प्रसार किए जाने पर लगाया जाता है।
विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा इतनी बड़ी रकम का इस्तेमाल अगर देश में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था का स्तर सुधारने में इस्तेमाल करें।
तो देश का विकास निश्चित तौर पर हो सकता है। लेकिन चुनावी प्रचार प्रसार में झूठे दावे कर जनता मूर्ख बनाने का काम किया जाता है।