पुलवामा(Pulwama) आतंकी हमले के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी सेना, राष्ट्रवाद, पाकिस्तान… आदि को मुद्दा बनाकर चुनावी माइलेज लेने की कोशिश कर रही है। पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक(Air Strike) और अभिनंदन की रिहाई से BJP कुछ ज्यादा ही चुनावी इंधन मिल गया था।

ऐसे में BJP राष्ट्रवाद, सीमा पर तनाव के नाम पर आरक्षण से खिलवाड़ करने की कोशिश में लगी थी। पुलवामा हमले के बाद बहुजन विरोधी 13 प्वाइंट रोस्टर का मुद्दा दब गया था, अडानी(Adani) ग्रुप को पांच एयरपोर्ट देना का मामला भी दब गया था और आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने का मुद्दा भी दब गया था।

लेकिन सीमा पर तनाव की आड़ में इन मुद्दों को ज्यादा दिनों तक नहीं दबाया जा सका। अब ये मुद्दे फिर से उठ खड़े हुए हैं। आज यानी 5 मार्च को आदिवासियों को जंगल से बेदखल करने के फैसले और 13 प्वाइंट रोस्टर के खिलाफ भारत बंद किया गया।

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इस बंद को तमाम विपक्षी संगठनों, आदिवासी संगठनों, दलित संगठनों का समर्थन प्राप्त है। भारत बंद का असर बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान समेत देशभर में देखने तो मिल रहा है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर #BharatBandh ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से खड़ा किए गए इस आंदोलन ने मोदी सरकार को बैकफुट पर ला दिया है।

भारत बंद के व्यापक असर को देखते हुए मोदी सरकार 13 प्वाइंट रोस्टर पर अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार अपने अंतिम कैबिनेट बैठक इस पर फैसला ले सकती है।

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पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ‘जो लोग आंदोलन पर आए हैं मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि अब आंदोलन करने की जरूरत नहीं है। सरकार 200 प्वाइंट रोस्टर लाएगी। कैसे लाएगी इसके लिए केवल दो दिन की प्रतिक्षा कीजिए। यही मेरा अपील है।’

सरकार इस प्रतिक्रिया के बाद राष्ट्रीय जनता ने ट्वीट किया है कि ‘उनको लग रहा था बॉर्डर पर तनाव की आड़ में चुपके से देश के 110 करोड़ एससी, एसटी, ओबीसी का हक़ छीन लेंगे। ये सोशल मीडिया का युग है मोदी जी। ये खेल अब नहीं चलेंगे।’

वैसे बता दें कि आदिवासियों को उनके जमीन से बेदखल करने के फैसले के खिलाफ सरकार कब अध्यादेश ला रही है ये नहीं बताया गया है। 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने 21 राज्यों के 11.8 लाख वनवासियों और आदिवासियों को वनभूमि से बेदखल करने का आदेश सुनाया था। लेकिन बाद में निर्देश पर रोक लगा दी गई।

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