हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे। जहां उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की पीएम मोदी के अमेरिका दौरे की चर्चा भारत में खूब हुई।

इसी बीच आरपीआई नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के देश की प्रधानमंत्री बनने के मामले में बड़ा बयान दिया है।

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भाजपा शासित मध्यप्रदेश के इंदौर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोनिया गांधी के साल 2004 में प्रधानमंत्री न बनने पर उनकी तुलना अमेरिका के उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से कर दी है।

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का कहना है कि जब यूपीए साल 2004 में पहली बार सत्ता में आई थी। तब सोनिया गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनना चाहिए था।

तब उनके विदेशी मूल के होने के चलते उन्होंने प्रधानमंत्री की कुर्सी पर ना बैठने का फैसला लिया। जबकि वह भारतीय नागरिक है और लोकसभा की सदस्य भी।

साल 2004 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी मेरा मानना यह था कि सोनिया गांधी का विदेशी मूल का होना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। उन्हें उस वक़्त प्रधानमंत्री बनना चाहिए था।

जब कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति बन सकती हैं। तो सोनिया गांधी भी भारत की प्रधानमंत्री बन सकती थी।

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का कहना है कि अगर उस वक्त कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद स्वीकार नहीं था। तो ऐसे में शरद पवार को देश का प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए था। क्यूंकि उस वक्त वह पार्टी के वरिष्ठ नेता थे।

साल 2004 में कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाए जाने को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने गलत फैसला करार दिया है।

उनका कहना है कि अगर मनमोहन सिंह की जगह शरद पवार को प्रधानमंत्री बनाया गया होता तो आज कांग्रेस के हालात इतने खराब नहीं होते।

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