अलवर मॉब लिंचिंग केस में राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पहलू खान, उनके बेटों और ड्राइवर के खिलाफ गो तस्करी से संबंधित दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है।
पहलू खान के बेटे इरशाद और ड्राइवर खान मोहम्मद की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पंकज भंडारी की बेंच ने राज्य प्रशासन को यह निर्देश दिए। अप्रैल 2017 में पहलू खान की गोतस्करी के शक में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
इस मामले में पुलिस ने मॉब लिंचिंग के आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ-साथ पहलू खान और उनके बेटों पर भी गो तस्करी के मामले में केस दर्ज किया था। पुलिस ने चार्जशीट में पहलू खान और उनके बेटों को गैर-कानूनी तरीके से मवेशी ले जाने का आरोपी बनाया था।
कोर्ट के इस आदेश के बाद पत्रकार साक्षी जोशी ने तत्कालीन राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “पहलू खान की हत्या गोतस्करी के आरोप में की गई थी, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने गोतस्करी का केस रद्द कर दिया है। तो ये कितना आसान है किसी के लिए आरोप लगाकर लिंच करे और हत्या कर दे। बाद में किसे फर्क पड़ता है कि सच क्या था! क्या राजस्थान की तत्कालीन सरकार इस अपराध को स्वीकार करेगी!”
Pehlu khan was killed for allegedly smuggling cow bt Raj HC dismisses cow smuggling case.
So it is so easy 4 anybody 2 accuse u of smthng,lynch u,kill u & then who cares later wat the truth was!
Will the then ruling govt of Rajasthan accept this crime! https://t.co/luFlLHPRAp— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) October 30, 2019
बता दें कि इस मामले में अगस्त 2019 में कोर्ट ने पहलू खान की हत्या के सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया था। जिसको लेकर सूबे की गहलोत सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इसके बाद गहलोत सरकार ने इस मामले की दोबारा जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
सितंबर में एसआईटी ने गहलोत सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी। जिसमें एसआईटी ने जांच में खामियों की बात मानी थी। साथ ही एसआईटी ने जांच अधिकारी की लापरवाही सबसे ज्यादा होने की बात कही थी।