यूरोपीय संघ के सांसदों का कश्मीर दौरा सवालों के घेरे में है। इस मामले में हुए ख़ुलासों के बाद विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार ने इंटरनेशनल बिजनस ब्रोकर के ज़रिए विदेशी सांसदों को कश्मीर सिर्फ अपने पीआर स्टंट के लिए बुलाया।

अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी इस मामले को लेकर मोदी सरकरा पर तीखा कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “मैंने अपने परिवार को अपनी ओर से ट्वीट करने के लिए कहा है: कौन जानता है? यूरोपीय संसद के सदस्यों को संसद के अगले सत्र में हिस्सा लेने और सरकार के समर्थन में बोलने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है।” 

बता दें कि यूरोपीय संघ के 27 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को श्रीनगर पहुंचा था। दौरे का मकसद धारा 370 की समाप्ति के बाद घाटी की स्थिति का जायज़ा लेना बताया गया। लेकिन बाद में इस मामले में बड़ा खुलासा सामने आया।

बताया जा रहा है कि इन सांसदों को कश्मीर दौरे के लिए एक एनजीओ ने न्योता भेजा था। मादी शर्मा नाम की महिला ने सांसदों को पीएम से मिलवाने का प्रस्ताव दिया था। मादी शर्मा वूमंस इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक नाम के एनजीओ की प्रमुख हैं।

शर्मा बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में रहनेवाली भारतीय मूल की ब्रिटिश नागरिक हैं। मादी शर्मा के ट्विटर हैंडल पर दी जानकारी में ये खुद को ‘सोशल कैपिटलिस्ट: इंटरनेशनल बिजनस ब्रोकर, एजुकेशनल आंत्रप्रेन्योर ऐंड स्पीकर’ बताती हैं।

ऐसा कहा जै रहा है कि मादी शर्मा ने ही यूरोपियन यूनियन के 30 सांसदों को चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलवाने और कश्मीर ले जाने का न्योता दिया था। एक इंटरनेशनल बिजनस ब्रोकर द्वारा यूरोपीय संघ के सांसदों को कश्मीर बुलाए जाने के ख़ुलासे के बाद इसपर काफी सवाल उठ रहे हैं।

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