पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड में एसआईटी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। पत्रकार की हत्या के मामले में एसआईटी हिंदू सगंठन सनातन संस्था को मुख्य आरोपी बनाया है जांच में पाया गया हत्या करने वाले की गौरी लंकेश से कोई निजी या अन्य रंजिश नहीं थी।

जांच पाया गया कि उन्हें सिर्फ इसलिए मारा गया क्योंकि वो एक ख़ास विचारधारा पर लगातार लिखती और बोलती रहती थी। उनकी हत्या की साजिश पांच साल से चल रही थी।

एसआईटी गौरी लंकेश की हत्या पर जांच रखने के लिए कहा है। एसआईटी ने प्रधान नागरिक और सत्र अदालत में शुक्रवार को नौ हजार 235 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है। एसआईटी इस गौरी लंकेश जांच जारी रखने के लिए कहा है।

गौरी लंकेश हत्याकांड में सनातन संस्था की भूमिका पर कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि राज्य सरकार इस संस्था पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लेगी। अब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया गया मगर जल्द ही इस मामले पर फैसला लेंगें।

मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स के अनुसार एसआईटी ने इस मामले में अब तक शूटर परशुराम वाघमारे और हत्या के मास्टरमाइंड अमोल काले, सुजीत कुमार उर्फ प्रवीन और अमित देगवेकर समेत 18 लोग आरोपी हैं।

इस गैंग पर बुद्धिजीवियों एम एम कलबुर्गी, नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या में शामिल होने का भी संदेह है।

बता दें कि सितम्बर 2017, में पत्रकार गौरी लंकेश की किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या उनके बेंगलुरु स्थित घर में ही की गई थी। कर्नाटक पुलिस को उनके हत्यारों का कनेक्शन महाराष्ट्र के भगवा संगठनों से जुड़ता दिखाई दिया जिसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने इसकी जांच शुरू की थी।

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