उत्तर प्रदेश में एक तरफ सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन है तो दूसरी तरफ भाजपा-अपना दल और सुहेल देव पार्टी का गठबंधन है। यानि कोई भी पार्टी अकेली मैदान में नहीं है, फिर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी को लगता है कि वो अकेले चुनाव लड़ रहे हैं! क्योंकि पीएम मोदी विपक्षी गठबंधन को महामिलावट कह रहे हैं। मगर अपने (बीजेपी) के गठबंधन को देशभक्त! ये कैसा देश प्रेम है?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अपनी पहली रैली की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मेरठ से की। यहाँ मोदी ने कांग्रेस के साथ में यूपी में बने सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन पर शर्मनाक टिपण्णी कर डाली। उन्होंने गठबंधन को ‘सराब’ (शराब) कह डाला।

पीएम अपने चुनावी भाषणों में अक्सर ऐसा कुछ बोल जाते हैं जिससे उनकी और प्रधानमंत्री पद की गरिमा की किरकरी हो जाती है। हालाँकि, पीएम मोदी के तर्क के मुताबिक जब गठबंधन महामिलावट है, तो बीजेपी का भी गठबंधन महामिलावट हुआ। दोनों जगह एक ही लॉजिक काम करेगा।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने प्रधानमंत्री को सपा बसपा गठबंधन से डरा हुआ बताया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि, “दलितों पिछड़ो, मुसलमानों, नौजवानों, किसानों के गठजोड़ से घबराए मोदी जी उसको शराब की संज्ञा दे रहे हैं।”

दरअसल, बीजेपी को यूपी में 2014 के लोकसभा चुनाव में सहयोगियों के साथ मिलकर 73 प्राप्त हुई थीं। लेकिन इस लोकसभा चुनाव में बने सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन के आगे बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल रही है। इस गठबंधन की वजह से बीजेपी की सीटें आधी से भी कम हो जाएँगी।

इसीलिए पीएम मोदी ज्यादातर अपने भाषणों में गठबंधन पर हमले कर रहे हैं। गठबंधन की ताकत प्रधानमंत्री और बीजेपी गोरखपुर, फूलपुर और कैराना उपचुनाव में देख चुके हैं। यही वजह है कि यूपी में गठबंधन बीजेपी के सामने कहीं ज्यादा मजबूत है।

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