रुस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने दुनिया भर को कई तरह की सच्चाई से रुबरु कराया है. भारतीय मीडिया जो पूरी दुनिया में अपनी नाक कटा चुका है,
जिसने सरकार की चापलूसी में अपनी सारी मर्यादाएं खो दी है, जिसका चरित्र ही समाप्त हो चुका है, उसका भी विकृत चेहरा एक बार फिर से सबके सामने आ गया है.
हुआ यूं कि रुस और यूक्रेन विवाद को लेकर जाने माने न्यूज चैनल आज तक के संवाददाता गौरव सावंत यूक्रेन के कीव में थे.
वो लगातार ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे थें. उधर स्टूडियो में एंकर के रुप में ईमानदार पत्रकार के तौर पर चर्चित अंजना ओम कश्यप थीं.
सबको पता है कि किस तरह से भारतीय मीडिया यूक्रेन संकट पर केंद्र सरकार को बचाने में पूरी तरह से लग गया है.
लगातार नरेंद्र मोदी सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों के निशाने पर है. छात्र लगातार आरोप लगा रहे हैं कि दूसरे देशों की सरकारें अपने लोगों को बचाने में लगी हुई हैं पर इधर भारत की नरेंद्र मोदी सरकार यूपी इलेक्शन में व्यस्त है.
इधर बार बार भारत की गोदी मीडिया यह बताने में लगी हुई है कि मोदी सरकार ने कई लोगों को यूक्रेन से बाहर निकाला हुआ है. लोगों की जान बचा कर भारत बुलाया जा रहा है, जबकि हकीकत में कहानी दूसरी है.
वहां फंसे भारतीय कह रहे हैं कि भारत की मीडिया पर भरोसा मत करो. मीडिय गलत सलत कहानी सुना रहा है. यहां पर हालात काफी खराब है. न तो एंबेसी और न सरकार किसी प्रकार की मदद कर रहा है.
इसी क्रम में गौरव सावंत कीव में ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे थे कि एक भारतीय ने आकर हस्तक्षेप किया और लगातार कैमरे के सामने बोलने लगा कि यहां पर कोई हेल्प नहीं है. कोई मदद नहीं है. किसी ट्रेन में बैठने नहीं दिया जा रहा है, कोई रिप्रजेंटेटिव यहां पर नहीं आया…
लेकिन आज तक ने ये माहौल देखते ही कैमरा ऑफ कर दिया. गौरव सावंत बोलने लगा, फाइन फाइन लेट मी डू माई वर्क…
Indian Stuck in Ukraine : 'Koi help nahi aaya, hello.. Tanaav nahi yaha koi help nahi aaya, Koi representative nahi aaya, koi train me baitha nahi jara….'
Gaurav Sawant : 'Fine! Fine! Let me do my work…'
That's exactly your work no? 🙄
Par aapse yahi umeed thi… pic.twitter.com/PvLCdoTern— Mohammed Zubair (@zoo_bear) February 28, 2022
अंजना ने भी इस पर एक शब्द बोलना मुनासिब नहीं समझा. इससे अंजना ओम कश्यप और आज तक दोनों के चरित्र का पता चलता है कि कैसे पत्रकारिता के नाम पर चाटुकारिता को अंजाम दिया जा रहा है. वैसे इन कथित पत्रकारों से और कुछ उम्मीद भी नहीं की जा सकती.