लोकसभा चुनाव के देखते हुए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन कर लिया है। इसका ऐलान आखिरकार आज प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ जहां सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव  और बसपा अध्यक्ष मायावती साथ मौजूद रहे।

मायावती ने कहा कि ये संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यानी गुरु चेला की नींद उड़ाने वाली है ।

मायावती ने पिछली बार किये गए गठबंधन को याद करवाते हुए कहा कि 1993 में मुलायम सिंह यादव और कांशीराम ने एक साथ चुनाव लड़ा था। लेकिन सभी को पता है कि नतीजा क्या हुआ। कुछ गंभीर मुद्दों की वजह से वह गठबंधन चल नहीं सका। लेकिन अब हम साथ आए हैं।

गेस्ट हाउस कांड को याद करते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि मैं देश हित और जन हित को गेस्ट हाउस कांड से ऊपर रखती हूं। 1993 में मिली जीत को याद करते हुए मायावती बोलीं- हम इतिहास दोहराएंगे। यह आंबेडकर और लोहिया को मानने वालों का गठबंधन है। यह जातिवादी और साम्प्रदायिक बीजेपी के लिए चुनौती है।

मायावती ने कहा कि हम बीती बातें भुलाकर साथ आए हैं। सपा-बसपा के गठबंधन ने जनता को एक नई उम्मीद दी है। हम पिछड़ों, गरीबों और अल्पसंख्यकों की ताकत बनेंगे।

बीजेपी ने जनता को धोखा देकर प्रदेश और केंद्र में सरकार बनाई है। हमने बीजेपी को पहले ही उपचुनाव में हरा दिया है। यह गरीबों, मजदूरों, कारोबारियों, युवाओं, महिलाओं, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों का गठबंधन है।

गठबंधन पर बोलते हुए मायावती ने कहा कि ये जो गठबंधन है ये लंबा चलने वाला गठबंधन है और ये लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा चुनावों में ये गठबंधन रहेगा।

कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस को बोफोर्स ने हराया था और बीजेपी को राफेल हराएगी। कांग्रेस के दौर में देश में इमरजेंसी लागू कर दी गई थी, बीजेपी के दौर में देश में अघोषित इमरजेंसी है।

मायावती ने कहा कि हम सपा के साथ खड़े हैं। बीएसपी 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 2 सीटों को अन्य दलों या सहयोगियों के लिए रिजर्व रखा गया है और अन्य दो अमेठी और रायबरेली हैं जिन्हें हमने कांग्रेस के लिए छोड़ दिया है।

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