दक्षिण भारत के बड़े प्रदेश तमिलनाडु से बड़ी खबर है। सीएम एमके स्टालिन ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि कुडनकुलम परमाणु संयंत्र एवं न्यूट्रिनो ऑब्जरवेटरी समेत तमाम सरकारी एवं गैर सरकारी परियोजनाओं के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने वालों के मुकदमे वापस लिए जाएंगे।
इतना ही नहीं स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानूनों के विरुद्ध भी आंदोलन करने वालों पर से मुकदमे वापस लिए जाएंगे।
वहीं तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन करने वालों के मुकदमे भी नई यूपीए सरकार समाप्त करेगी।
सीएम स्टालिन ने राज्यपाल के अभिभाषण के उपरांत धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि शांतिपूर्ण विरोध नागरिकों को हक है।
पिछले अन्नाद्रमुक की सरकार के दौरान ऐसे तमाम मामले जो पुलिस में दर्ज कराए गए हैं, सब वापस लिए जाएंगे।
इसके साथ ही सीएम स्टालिन ने कहा कि उत्तरी तमिलनाडु में हमारी सरकार बड़े उद्योग धंधे स्थापित करेगी जिसमें 22 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरियां मिलेंगी।
स्टालिन ने कहा कि मुझे उम्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि राज्य के युवाओं को चाहे वो महिला हो या पुरुष सभी को रोजगार के मौके प्रदान करना ही तमिल समाज के विकास की नींव होगी।
सीएम ने कहा कि रोजगार सृजन के लक्ष्य का ख्याल रखते हुए प्रथम चरण में इस तरह की परियोजनाएं राज्य के पिछड़े और उत्तरी क्षेत्रों के चेय्यर और तिंडीवनम में प्रारंभ की जाएंगी।
कोविड समस्या का जिक्र करते हुए सीएम ने कई घोषणाएं की और कहा कि कोरोना के बाद भी शरीर जटिल परिस्थितियों का सामना करता है।
इसे दूर करने के लिए विशेषज्ञों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट कोविड क्लिनिक की स्थापना की जाएगी, जिससे की कोविड के बाद भी जटिलताओं से निबटा जा सके।
सीएम स्टालिन ने स्पष्ट रुप से कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आम लोगों का अधिकार है। कोई भी सरकार इसे लोगों से छिन नहीं सकती। लोगों का आंदोलन कई बार सरकारों को सही रास्ता दिखाता है।
सत्ता में बैठे लोगों को आंदोलनों का सम्मान करना चाहिए. हमारी सरकार ऐसा ही करेगी।
शांतिपूर्ण तरीके से किए गए सभी आंदोलनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुकदमा वापस लिया जाएगा। चाहे वो परियोजनाओं से जुड़े मामले हो या फिर किसान आंदोलन या सीएए आंदोलन।