3 साल पहले के जेएनयू मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद समेत 10 लोगों के ख़िलाफ़ पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाख़िल है। इनमें ज़्यादातर लोग कश्मीर के हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि पुलिस को चार्जशीट दाख़िल करने में 3 साल का लम्बा वक़्त क्यों लग गया?

पुलिस ने जार्चशीट का आधार CFSL लैब की जाँच रिपोर्ट को बताया गया है। पुलिस के मुताबिक़ लैब की जाँच में नारेबाज़ी से जुड़े कुछ वीडियो को सही पाया गया है। इस पर सवाल उठाते हुए वरिष्ठ पत्रकार सुनेत्रा चौधरी ट्वीटर पर लिखती हैं-

दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसके पास कुछ वीडियो है जिनसे पता चलता है कि कन्हैया कुमार घटना के वक़्त देश विरोधी नारे लगा रहे थे। पुलिस ने CFSL लैब की रिपोर्ट के हवाले से आख़िरकार 3 साल बाद चार्जशीट दाख़िल किया है।… क्या पुलिस को वो वीडियो सार्वजनिक नहीं करना चाहिए जिसके आधार पर जार्चशीट दाख़िल की गई?”

चार्जशीट पर बोले कन्हैया-

पुलिस की दाख़िल चार्जशीट से बेख़ौफ़ जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर करारा हमला करते हुए कहा है कि, चौकीदार को उसकी गद्दी से हटाकर रहूँगा। कन्हैया ने कहा। पुलिस की दायर चार्जशीट राजनीतिक महात्वाकांक्ष से प्रेरित है। मोदी सरकार विपक्षी एकता से घबराई हुई है।

कन्हैया कुमार ने कहा कि, मैं सरकार और पुलिस को चुनौती देता हूँ कि वो इस मामले में तारीख़ पे तारीख़ न देकर जल्द से जल्द मामले का निपटारा करे।

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