वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ को लेकर एक राहत भरी खबर आई है। खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ पर लगे राजद्रोह के मामले को खारिज करने का फैसला सुनाया है।
इससे पहले जून 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पत्रकार विनोद दुआ को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी।
वही 6 अक्टूबर 2020 में जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस विनीत शरण की पीठ ने विनोद दुआ पर दर्ज किए गए राजद्रोह के मामले में सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दरअसल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के खिलाफ पत्रकार विनोद दुआ की तरफ से एक यूट्यूब प्रोग्राम में की गई टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता ने विनोद दुआ पर हिमाचल प्रदेश में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाया था।
दरअसल इस यूट्यूब प्रोग्राम में विनोद दुआ ने केंद्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी में लगाए गए लॉकडाउन की आलोचना की थी।
हिमाचल प्रदेश पुलिस में दर्ज करवाए गए इस मुकदमे में कहा गया था कि ‘विनोद दुआ शो’ के दौरान की गई टिप्पणी से देश में सांप्रदायिक नफरत फैल सकती है।
अब विनोद दुआ की इस जीत से सोशल मीडिया पर उनके समर्थक काफी खुश है।
इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने ख़ुशी जाहिर करते हुए ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि “सत्य की जीत। सर्वोच्च अदालत ने जाने-माने पत्रकार Vinod Dua पर हिमाचल के भाजपा नेता द्वारा दायर राजद्रोह का मुकदमा खारिज कर दिया है।
मुझे निजी तौर पर मालूम है इस हास्यास्पद आरोप वाले मुकदमे ने मित्रवर दुआ को उलझाने की कितनी निरर्थक कोशिशें की थीं।”
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए राजद्रोह कानून को सही ठहराया था। लेकिन इसमें इस कानून का दायरा भी तय किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा निरस्त करते हुए कहा है कि सभी पत्रकार केदारनाथ सिंह फैसले के तहत संरक्षित हैं।