सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर गुजरात दंगे में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान हत्या पर सुनवाई करेगा। जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका पर कोर्ट में 19 नवंबर को सुनवाई होगी।

इससे पहले इस मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एसआईटी ने क्लीनचिट दे थी।

दरअसल गुजरात हाईकोर्ट ने एक साल पहले जकिया जाफरी की याचिका ख़ारिज कर दी थी। जिसमें कोर्ट ने कहा था कि गुजरात दंगों की दोबारा जांच नहीं होगी कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरक़रार रखते हुए ये फैसला दिया था।

मगर अब सुप्रीम कोर्ट दंगों में हुई जांच पर उठे सवालों पर एक बार फिर सुनवाई करने को तैयार हो गया है।

कोर्ट ने पिछले बार बड़ी साजिश वाली बात से भी इनकार कर दिया था। याचिका में मांग की गई थी नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों सहित 59 अन्य लोगों ने साजिश रचने के लिए आरोपी बनाए जाए।

याचिका में इस मामले की नए सिरे से जांच के लिए हाईकोर्ट के निर्देश की भी मांग की गई थी मगर गुजरात दंगो के मामले में अहमदाबाद कोर्ट से साल 2013 के दिसंबर महीने में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी थी।

गौरतलब हो कि साल 2002 28 फरवरी कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी समेत कम से कम 68 लोग अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में मारे गए थे।

इसके बात सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी जांच भी हुई मुख्यमंत्री रहे पीएम मोदी से साल 2010 में करीब 9 घंटे तक दंगों के मामले पूछताछ भी जिसके बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी गई।

बता दें कि एसआईटी ने जांच आरोपियों के खिलाफ केस चलाने के पुख्ता सुबूत नहीं होने के कारण केस बंद कर दिया था।

वहीँ जकिया जाफरी ने निचली अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को नज़रअंदाज़ किया और गवाहों के हस्ताक्षर कर लिए गए मगर वक्तव्यों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था।

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