हाल में भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थामा है। जिसके बाद ये अटकलें तेज हो चुकी हैं कि राज्य में कई और भाजपा नेता पार्टी को बागी तेवर दिखा सकते हैं।

अब खबर सामने आ रही है कि पश्चिम बंगाल की सत्ता के साथ मुकुल रॉय अब त्रिपुरा में भी पार्टी के लिए अहम् भूमिका निभा सकते हैं।

दरअसल मुकुल रॉय के TMC में शामिल होने के बाद त्रिपुरा में भी कई भाजपा नेताओं के पार्टी छोड़ने की अटकलें लग रही हैं। हालांकि भाजपा ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है।

इस मामले में भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती का भी बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत दोबारा अपनी पकड़ बनाने की कोशिश में जुट चुकी है। लेकिन पश्चिम बंगाल की तरह त्रिपुरा में पार्टी की पकड़ मजबूत नहीं है।

इसलिए यहां तृणमूल कांग्रेस अपनी पैठ नहीं बना पाएगी। इससे पहले भी दो बार इस तरह की कोशिशें की जा चुकी है। जिसमें तृणमूल कांग्रेस पूरी तरह से असफल साबित हुई थी।

वहीँ तृणमूल कांग्रेस के त्रिपुरा प्रदेश अध्यक्ष आशीष सिंघा ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ मिलकर त्रिपुरा में संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए तैयार है।

जल्द ही कुछ नेताओं को त्रिपुरा में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए भेजा जाएगा।

राजनीतिक सूत्रों की माने तो भाजपा के पूर्व नेता मुकुल रॉय के 4 साल बाद तृणमूल कांग्रेस में वापस आने के बाद त्रिपुरा में भी सियासी घटनाक्रम बदलने के आसार बन रहे हैं।

दरअसल मुकुल रॉय जब तृणमूल कांग्रेस में थे। तो वह पार्टी के संगठनात्मक मामलों को देखने के लिए अक्सर त्रिपुरा के दौरे पर रहते थे। इसलिए त्रिपुरा में उनकी अच्छी-खासी राजनीतिक पकड़ बनी हुई है।

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