केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी साल 2014 के बाद से भारत के इतिहास से कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी राजीव गाँधी का नाम हटाने की कोशिश कर रही है।

जिन्होंने आजादी के बाद देश के विकास के लिए कई बड़े काम किए हैं।

इसी बीच इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टॉरिकल रिसर्च की वेबसाइट पर मोदी सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव का एक पोस्टर लगाया गया है।

जिसमें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की तस्वीर गायब है। मोदी सरकार द्वारा की गई इस हरकत को देश के निष्पक्ष पत्रकारों द्वारा शर्मनाक बताया जा रहा है।

इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने ट्वीट कर लिखा है कि “आज़ादी की लड़ाई में क़रीब दस साल तक जेल में रहने वाले नेहरु, 17 साल तक पहले पीएम के रुप में देश को दिशा देने वाले नेहरु,

देश को आईआईटी से लेकर आईआईएम और सिंदरी से लेकर बरौनी खाद कारखाना तक देने वाले नेहरु को इतिहास से मिटाने की नाकाम कोशिशों का एक और नमूना..

वहीं इस मुद्दे पर पत्रकार रोहिणी सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। जिन्होंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नौ साल जेल में बिताए।

उन्होंने हमारे बेहतरीन संस्थानों की स्थापना की और आधुनिक दुनिया के महानतम राजनेताओं में से एक थे। आप उन्हें पोस्टरों से मिटा सकते हैं, लेकिन उसकी विरासत को नहीं मिटा सकते।”

गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार एनसीईआरटी की किताबों से भारत के इतिहास से जुड़ी कई जरूरी जानकारियों को हटाने की कोशिश की जा चुकी है।

वहीँ सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार कांग्रेस द्वारा शुरू की गई योजनाओं का नाम भी बदल चुकी है।

यहाँ तक कि दिल्ली की प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के नाम बदले जाने की कोशिश भी की गई है।

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