कभी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में प्रतिष्ठित माने जाने वाले देश में चुनावी धांधली को इन दिनों एक राजनैतिक परंपरा बना दी गई है।

अभी कुछ ही दिन पहले बिहार विधानसभा चुनाव में व्यापक पैमाने पर धांधली और गड़बड़ी की खबर आई थी और अब उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला है।

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ईवीएम से भरी एक ट्रक पकड़ी गई है। इसके बाद उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में सियासी भूचाल आ गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ईवीएम से भरे ट्रक के पकड़े जाने के बाद आनन फानन में प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और चुनाव आयोग से लेकर शासन प्रशासन पर ताबड़तोड़ हमले किए।

अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से पूछा है कि आखिर कैसे बिना सुरक्षा बलों के इन ईवीएम मशीनों को एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाया जा रहा था ?

अगर ये ईवीएम एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाई जा रही थीं तो इसकी सूचना सभी प्रत्याशियों को क्यों नहीं दी गई?

अखिलेश यादव ने इस कथित धांधली के मसले पर चुनाव आयोग को भी लपेटे में लिया और कहा कि मुझे चुनाव आयोग के अधिकारियों पर जरा सा भी विश्वास नहीं है।

हमारे नेता स्वामी प्रसाद मौर्या पर हमला हुआ। चुनाव आयोग ने क्या कार्रवाई की ? अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कहा कि वोटों की चोरी की जा रही है।

समाजवादी पार्टी बनारस और अयोध्या जीत रही है, यही बीजेपी घबराई हुई है।

अखिलेश ने कहा कि वाराणसी में ईवीएम पकड़े जाने का समाचार उप्र की हर विधानसभा को चौकन्ना रहने का संदेश दे रहा है।

मतगणना में धांधली की कोशिश को नाकाम करने के लिए सपा-गठबंधन के सभी प्रत्याशी और समर्थक अपने-अपने कैमरों के साथ तैयार रहें। युवा लोकतंत्र व भविष्य की रक्षा के लिए मतगणना में सिपाही बने!

उन्होंने कहा कि आज से,अभी से हर युवा, हर मतदाता अगले 3 दिन तक मत की रक्षा के लिए मतगणना केंद्र की क़िलेबंदी कर दे और ढोल-मंजीरा लेकर आज़ादी के अफ़साने गाए।

किसानों की तरह उनके लिए भी लोकतंत्र के लंगर लगेंगे व दुनिया देखेगी लोकतंत्र को कैसे बचाया जाता है। राजनीति बाहुबल के आगे जनबल झुकेगा नहीं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here