भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 से पहले मतदाता सूची संशोधन के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को चेतावनी दे डाली है।

आज पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के कार्यालय में एक मीडिया कॉन्फ्रेंस की।

इस दौरान उन्होंने कहा कि मतदाता सूची संशोधन में चुनाव आयोग ने 21 लाख से ज्यादा नाम जोड़े गए हैं। जबकि 16 लाख से ज्यादा नाम हटा दिए गए हैं।

अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से पूछा है कि वह किसके दबाव में ऐसा कर रहे हैं? अगर मतदाता सूची नहीं मिलती तो हम चुनाव आयोग के खिलाफ धरने पर बैठेंगे।

दरअसल चुनाव आयोग द्वारा इस बार राजनीतिक दलों को क्रॉस चेक करने के लिए मतदाता सूची नहीं दी गई है।

अखिलेश यादव का कहना है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को मतदाता सूची दी गई थी। लेकिन इस बार क्यों नहीं?

इस संदर्भ में अखिलेश यादव ने दिल्ली में चुनाव आयोग को ज्ञापन देने की बात कहते हुए साफ तौर पर यह कह दिया है कि अगर जरूरत पड़ी। तो हम धरने पर भी बैठेंगे।

चुनाव आयोग में तैनात ज्यादातर अधिकारी उत्तर प्रदेश से भेजे गए थे। अब यूपी में ही चुनाव होने वाले हैं।

मैं इस बात की उम्मीद करता हूं कि चुनाव आयोग उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूरी निष्पक्षता के साथ अपना काम करेगा।

इसके साथ ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नोटबंदी की पांचवी वर्षगांठ पर मोदी सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि अभी तक ना ही देश में काला धन वापस लाया गया और ना ही भ्रष्टाचार खत्म हुआ, ना ही आतंकवाद पर लगाम लग पाई है। इसके विपरीत मोदी सरकार के शासनकाल में काला धन और बढ़ गया है।

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