ये खबर यूपी से है, जिसे पढ़कर आप अंदर से हिल जाएंगे। ये घटना ये बताने के लिए पर्याप्त है कि जब एक जनप्रतिनिधि का यह हाल है तो आम आदमी कैसी दुर्दशा झेल रहा होगा?

कोरोना की पहली लहर हो या दूसरी लहर, यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था बदतर ही रही। वैसे यहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कभी भी अपने प्रदेश में कमियों को स्वीकार नहीं करते बल्कि दावा करते हैं कि यूपी में ऑल इज वेल है।

यहां किसी चीज की कोई कमी नहीं है लेकिन सच तो यह है कि आज भी यूपी में हालात बेहद खराब है।

विधायक की कोरोना से गंभीर रुप से पीड़ित पत्नी को भी कोरोना वॉर्ड में बेड देने के बाद इधर से उधर घंटों तक टरकाया जाता है।

मामला आगरा के बगले के फिरोजाबाद का है। जसराना विधायक रामगोपाल उर्फ पप्पू लोधी और उनकी पत्नी संध्या लोधी दोनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए। दोनों का इलाज फिरोजाबाद के ओम हॉस्पीटल में चल रहा था।

एकाएक दोनों की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो डॉक्टरों ने उन्हें आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।

रेफर होने के बाद विधायक ने आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह से बात की। डीएम ने फिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात कर जल्द विधायक और उनकी पत्नी के लिए बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।

इसके बाद विधायक की कोराना पॉजिटिव पत्नी संध्या लोधी मेडिकल कॉलेज पहुंची तो उन्हें सबसे पहले तो वहां मौजूद कोविड वार्ड के सुरक्षाकर्मियों ने वहां से भगा दिया।

बीमारी की अवस्था में ही विधायक की पत्नी को अस्पताल के कर्मचारियों ने इधर से उधर खूब दौड़ाया। विधायक की पत्नी की हालत लगातार खराब होती जा रही थी। दौड़ते दौड़ते विधायक की पत्नी को सांस लेने में परेशानी होने लगी।

उन्होंने अपने विधायक पति को इस बात की सूचना दी।विधायक ने एक बार फिर से डीएम से संपर्क किया। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई तब जाकर विधायक की पत्नी को अस्पताल में बेड मिल सका।

इस प्रकरण के बाद खुद विधायक रामगोपाल लोधी ने योगी सरकार की पोल खोलते हुए कहा कि सोचने वाली बात है कि मैं विधायक हूं और मैं डीएम को फोन करके अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती करने के लिए कह रहा हूं।

कोरोना पॉजिटिव होने और हालत बिगड़ने के बाद भी बेड नहीं मिल पा रहा है. सोचने वाली बात है कि ऐसे में आम आदमी की हालत क्या होती होगी !

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